RBI का रेपो रेट ना बढ़ाने का फैसला, लोन महंगे नहीं होंगे, EMI भी नहीं बढ़ेगी, मौद्रिक नीति समिति की बैठक में कई निर्णय

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BP Shrivastava
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RBI का रेपो रेट ना बढ़ाने का फैसला, लोन महंगे नहीं होंगे, EMI भी नहीं बढ़ेगी, मौद्रिक नीति समिति की बैठक में कई निर्णय

NEW DELHI. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार (8 जून) को रेपो रेट में इजाफा ना करने का फैसला करते हुए बड़ी राहत दी है। यानी ब्याज दर 6.50% बनी रहेगी। लगातार दूसरी बार RBI ने दरों में बदलाव नहीं किया है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज (8 जून) हुई मौद्रिक नीति समिति की बैठक में लिए फैसलों की जानकारी दी। आरबीआई के अनुमान के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में महंगाई 4% के ऊपर ही रहने की संभावना है। इसके अलावा वित्त वर्ष 2023-24 में रियल GDP ग्रोथ 6.5% रहने का अनुमान है। 





छह बार में दरें 2.50% बढ़ाई





मई 2022 से फरवरी 2023 तक RBI ने 6 बार में दरों में 2.50% की बढ़ोतरी की है। पिछली मीटिंग जो अप्रैल में हुई थी उसमें रेपो रेट को 6.50% पर अपरिवर्तित रखा गया था। उससे पहले फरवरी में दरों को 6.25% से बढ़ाकर 6.50% किया गया था।  मौद्रिक नीति समिति हर दो महीने में होती है।





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रेपो रेट में बदलाव ना होने से लोन महंगे नहीं होंगे





RBI के पास रेपो रेट के रूप में महंगाई से लड़ने का एक शक्तिशाली टूल है। जब महंगाई बहुत ज्यादा होती है तो, RBI रेपो रेट बढ़ाकर इकोनॉमी में मनी फ्लो को कम करने की कोशिश करता है। रेपो रेट ज्यादा होगा तो बैंकों को RBI से मिलने वाला कर्ज महंगा होगा। बदले में बैंक अपने ग्राहकों के लिए लोन महंगा कर देते हैं। इससे इकोनॉमी में मनी फ्लो कम होता है। मनी फ्लो कम होता है तो डिमांड में कमी आती है और महंगाई घट जाती है।





रेपो रेट बढ़ने का क्या होता है असर





RBI रेपो रेट बढ़ने से जब इकोनॉमी बुरे दौर से गुजरती है तो रिकवरी के लिए मनी फ्लो बढ़ाने की जरूरत पड़ती है। ऐसे में RBI रेपो रेट कम कर देता है। इससे बैंकों को RBI से मिलने वाला कर्ज सस्ता हो जाता है और ग्राहकों को भी सस्ती दर पर लोन मिलता है। इस उदाहरण से समझते हैं। कोरोना काल में जब इकोनॉमिक एक्टिविटी ठप हो गई थीं तो डिमांड में कमी आई थी। ऐसे में RBI ने ब्याज दरों को कम करके इकोनॉमी में मनी फ्लो को बढ़ाया था।





 2023-24 में रियल जीडीपी ग्रोथ 6.5% रह सकती है 





आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने GDP को लेकर कहा कि भारत की वित्त वर्ष 2023 में रियल GDP 7.2% देखने को मिली जो पहले के 7% के अनुमान से ज्यादा मजबूत है। सभी फैक्टर्स को ध्यान में रखते हुए, 2023-24 के लिए रियल जीडीपी ग्रोथ 6.5% देखने को मिल सकती है।





महंगाई 4% के ऊपर ही रहने की संभावना 





आरबीआई गवर्नर ने कहा कि महंगाई को लेकर चिंता और अनिश्चितता अभी भी बरकरार है। RBI के अनुमान के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) में महंगाई 4% के ऊपर ही रहने की संभावना है। RBI ने महंगाई अनुमान को FY24 में 5.2% से घटाकर 5.1% किया है।





कैसे प्रभावित करती है महंगाई 





महंगाई का सीधा संबंध खरीदारी ताकत से है। उदाहरण के लिए, यदि महंगाई दर 7% है, तो अर्जित किए गए 100 रुपए का मूल्य सिर्फ 93 रुपए होगा। इसलिए, महंगाई को देखते हुए ही निवेश करना चाहिए। नहीं तो आपके पैसे की वैल्यू कम हो जाएगी।



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