कार और होम लोन महंगे होंगे, RBI ने रेपो रेट 0.25% बढ़ाई, केंद्रीय बैंक ने एक साल में 6 बार किया इजाफा

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Atul Tiwari
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कार और होम लोन महंगे होंगे, RBI ने रेपो रेट 0.25% बढ़ाई, केंद्रीय बैंक ने एक साल में 6 बार किया इजाफा

MUMBAI. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एक बार फिर आम आदमी को झटका दिया है। आरबीआई ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट यानी 0.25% की बढ़ोतरी  की है। इसके बाद सभी तरह के लोन महंगे हो जाएंगे। देश में महंगाई (Inflation) काबू में आने के बाद भी आरबीआई ने दरों में बढ़ोतरी का फैसला लिया है।





रिजर्व बैंक ने लगातार छठी बार रेपो रेट में बढ़ोतरी का ऐलान किया। अब रेपो रेट 6.25% से बढ़कर 6.50% हो गया है यानी होम लोन से लेकर ऑटो और पर्सनल लोन सब कुछ महंगा हो जाएगा और आपको ज्यादा EMI चुकानी होगी। देश का आम बजट पेश किए जाने के बाद ये आरबीआई एमपीसी की बैठक थी और इसमें फिर से आम आदमी के झटका लगा। 





6 बार में इतनी बढ़ गई रेपो दर





आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने 8 फरवरी को तीन दिवसीय एसपीसी बैठक में लिए गए फैसलों का ऐलान किया। एक्सपर्ट्स पहले से रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी किए जाने की संभावना जता रहे थे। इससे पहले दिसंबर 2022 में हुई MPC बैठक में ब्याज दरों को 5.90% से बढ़कर 6.25% किया गया था। आरबीआई ने बीते साल से अब तक 6 बार रेपो रेट में इजाफा करते हुए कुल 2.50% की बढ़ोतरी की है। 





6 में से चार सदस्यों ने किया समर्थन





आरबीआई एमपीसी की बैठक में शामिल 6 में से 4 सदस्यों ने रेपो रेट में इजाफे का समर्थन किया। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैठक में लिए गए फैसलों का ऐलान करने के साथ ही महंगाई को लेकर भी अनुमान जाहिर किया। केंद्रीय बैंक द्वारा चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी ग्रोथ के सकल के अनुमान को 6.8% से बढ़ाकर 7ज्ञ किया गया है। वहीं अगले फाइनेंशियल में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 6.4% रहने का अनुमान रखा गया है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई 6.5% और अगले वित्त वर्ष में 5.3% रहने का अनुमान जताया है.





रेपो रेट का ईएमआई पर ये असर





आरबीआई द्वारा निर्धारित रेपो रेट सीधे बैंकों के लोन को प्रभावित करता है। अगर इसकी दरें बढ़ती हैं तो लगभग होम लोन, ऑटो लोन, पर्सनल लोन सभी तरह का लोन महंगा हो जाएगा। दरअसल, रेपो रेट (Repo Rate) वह दर होती है, जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है, जबकि रिवर्स रेपो रेट उस दर को कहते हैं, जिस दर पर बैंकों को आरबीआई पैसा रखने पर ब्याज देती है। रेपो रेट के कम होने से लोन की EMI घट जाती है, जबकि रेपो रेट में बढ़ोतरी से सभी तरह का लोन महंगा हो जाता है और इसी क्रम में ईएमआई में भी इजाफा देखने को मिलता है। 



 



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