NEW DELHI. श्रीराम ग्रुप के फाउंडर आर त्यागराजन कलयुग के वो दानवीर कर्ण हैं जिसने 6210 करोड़ रुपए की संपत्ति दान कर दी है। अपने लिए सिर्फ एक छोटा घर और एक सस्ती कार छोड़ सबकुछ दान करने वाले त्यागराजन के पास मोबाइल तक नहीं है। मोबाइल को लेकर उनका कहना है कि मोबाइल से ध्यान भटकता है। 86 साल के त्यागराजन ने एक इंटरव्यू में कहा कि मैंने 750 मिलियन डॉलर का दान दिया है। हालांकि ये संपत्ति कब दान की गई इस बात का खुलासा नहीं किया। आर त्यागराजन की कंपनी श्रीराम ग्रुप में 1 लाख 8 हजार कर्मचारी काम करते हैं। ये पहली बार नहीं है जब त्यागराजन ने दान किया है।
श्रीराम ग्रुप में लाखों लोगों को रोजगार
भारत की प्रमुख नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) में से एक श्रीराम ग्रुप ट्रकों, ट्रैक्टरों और व्हीकल के लिए भारत के गरीबों को लोन देने में आगे रहता है। इस कंपनी ने बीमा से लेकर स्टॉकब्रोकिंग तक 1 लाख 8 हजार लोगों को रोजगार दिया है। इस कंपनी के शेयर इस साल जुलाई में 35% से अधिक का एक रिकॉर्ड बनाया है। ये भारत के बेंचमार्क स्टॉक इंडेक्स से 4 गुना अधिक है।
ट्रस्ट को ट्रांसफर किया दान किया पैसा
त्यागराजन ने अपनी सारी हिस्सेदारी कर्मचारियों के एक समूह को दे दी। आर त्यागराजन ने सारा पैसा श्रीराम ओनरशिप ट्रस्ट को ट्रांसफर कर दिया। आर त्यागराजन को शास्त्रीय संगीत पसंद है और वे पश्चिमी व्यावसायिक पत्रिकाएं भी पढ़ते हैं।
श्रीराम ग्रुप की स्थापना 1974 में हुई
त्यागराजन आरटी के नाम से बिजनेस की दुनिया में मशहूर हैं। त्यागराजन ने 1974 में चेन्नई में श्रीराम ग्रुप की स्थापना की थी। त्यागराजन का मानना है कि गरीबों को लोन देना समाजवाद का एक रूप है। वे बोले कि मैं थोड़ा-सा वामपंथी हूं, लेकिन मैं उन लोगों के जीवन से कुछ बुरा खत्म करना चाहता हूं जो समस्याओं में उलझे हुए हैं।
किसान परिवार में हुआ जन्म
आर त्यागराजन का जन्म तमिलनाडु के एक संपन्न किसान परिवार में हुआ था। त्यागराजन ने गणित में ग्रेजुएशन की पढ़ाई की और कोलकाता में भारतीय सांख्यिकी संस्थान से मास्टर की डिग्री हासिल की। वे 1961 में न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी में शामिल हुए। त्यागराजन 2 दशकों तक कई वित्त कंपनियों में कर्मचारी के रूप में काम करते रहे हैं। 37 साल की उम्र में उन्होंने व्यापार शुरू किया। अब उनके पास 30 कंपनियां हैं और 1 लाख 8 हजार लोगों को रोजगार दिया है।