टाइम्स ग्रुप के बंटवारे की नौबत क्यों आई, देश के सबसे पुराने और बड़े मीडिया ग्रुप के विभाजन के लिए क्यों तलाशे जा रहे हैं मध्यस्थ

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The Sootr
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टाइम्स ग्रुप के बंटवारे की नौबत क्यों आई, देश के सबसे पुराने और बड़े मीडिया ग्रुप के विभाजन के लिए क्यों तलाशे जा रहे हैं मध्यस्थ

NEW DELHI. देश के सबसे पुराने और बड़े मीडिया समूह में से एक टाइम्स ग्रुप में इन दिनों सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। ये चर्चा जोर पकड़ रही है कि टाइम्स ग्रुप की चेयरपर्सन इंदु जैन के निधन के बाद इस मीडिया समूह का संचालन करने वाले जैन ब्रदर्स समीर और विनीत जैन के बीच बिजनेस चलाने के तरीके को लेकर मतभेद बढ़ते जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि दोनों भाइयों के बीच मतभेद इस कदर बढ़ गए हैं कि बात ग्रुप के बंटवारे तक पहुंच गई है। हालांकि ये इतना आसान नहीं होगा, कारण है टाइम्स ग्रुप का आकार और विस्तार। टाइम्स ग्रुप का कारोबार प्रिंट मीडिया, टेलीविजन, रेडियो, डिजिटल, फिल्म, म्यूजिक से लेकर आउटडोर एडवर्टाइजिंग, एजुकेशन और कई अन्य सेक्टर्स में फैला है। खबर है कि समूह के सुचारू विभाजन के लिए दोनों भाई कार्पोरेट जगत में कोई भरोसेमंद मध्यस्थ तलाश रहे हैं।



बंटवारे को लेकर नहीं बन रही सहमति



साल 2021 में टाइम्स ग्रुप की पूर्व अध्यक्ष और जैन बंधुओं की मां इंदु जैन के निधन के बाद से ही इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि समीर और विनीत जैन बंटवारा चाहते हैं। अब यह लगभग साफ हो गया है कि टाइम्स ग्रुप दो भागों में बंटने वाला है। मामले की जानकारी रखने वाले लोगों का दावा है कि देश के सबसे बड़े मीडिया समूह में शुमार टाइम्स ग्रुप की संपत्ति का विस्तृत मूल्यांकन किया जा रहा है। ग्रुप में अलग-अलग सेक्टर से जुड़ीं करीब 70 कंपनियां हैं। जानकारों के मुताबिक इनमें डिजिटल प्रोडक्ट कंपनी टाइम्स इंटरनेट लिमिटेड (टीआईएल) का विभाजन सबसे ज्यादा जटिल और चुनौतीपूर्ण होगा। चूंकि ये कंपनी अपने अलग-अलग ऑनलाइन प्लेटफार्म के कंटेंट केलिए समूह के प्रिंट एडिशन पर निर्भर है।



मध्यस्थों में मित्तल और डालमिया का नाम 



टाइम्स ग्रुप के बंटवारे से जुड़ी एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जैन बंधुओं ने विभाजन के लिए जरूरी दो मध्यस्थों के नाम लगभग फाइनल कर लिए हैं। संभावित मध्यस्थों में एक नाम टेलीकॉम कंपनी एयरटेल के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल का लिया जा रहा है जबकि दूसरा नाम डालमिया घराने के सदस्यों का बताया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि 1950 के दशक में जैन फैमिली को टाइम्स ऑफ इंडिया की BCCL ( बैनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड) का स्वामित्व सौंपने से पहले इसका मालिक डालमिया परिवार ही था। अभी समीर जैन BCCL के वाइस चेयरमैन की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं और विनीत जैन समूह के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। 



बंटवारे में TIL सबसे ज्यादा प्रभावित होगी 



टाइम्स ग्रुप के बंटवारे को करीब से देखने वालों का मानना है कि समूह की डिजिटल विंग टाइम्स इंटरनेट लिमिटेड (TIL) अपने यूनिक प्लेसमेंट के कारण सबसे अधिक प्रभावित होने वाली कंपनी होगी। यह देश की सबसे बड़ी डिजिटल प्रोडक्ट कंपनी है। ये कंपनी BCCL समूह के सभी अखबारों  के डिजिटल प्लेफार्म जैसे कि Timesofindia.com, Economictimes.com और Navbharattimes.com संचालित करती है। लेकिन न्यूज पेपर टाइटल के बिना ये सभी ऑनलाइन एडिशन अपना महत्व खो देंगे और इनकी रीच भी प्रभावित होगी। चूंकि कंटेंट के संदर्भ में सभी ऑनलाइन एडिशन बहुत हद तक प्रिंट एडिशन पर निर्भर हैं इसीलिए TIL का विभाजन सबसे  जटिल और चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है। 



इस तरह आई TIL में मजबूती



टीआईएल पिछले दो वर्षों से अपने व्यवसाय को मजबूत करने और घाटे में चल रही संस्थाओं को बंद करने के लिए मेहनत कर रहा है। कंपनी ने 2022 की शुरुआत में रेस्टोरेंट रिजर्वेशन ऐप Dineout के साथ-साथ शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म MX TakaTak को बेच दिया था। इसने हाल ही में अपनी दो कंटेंट वेबसाइटों- MensXP और iDiva- और इसके क्रिएटर मैनेजमेंट वर्टिकल Hypp को Mensa Brands को बेच दिया है. इसके अलावा, कंपनी ओटीटी प्लेटफॉर्म MX प्लेयर को भी बेचने की प्रक्रिया में है। टाइम्स इंटरनेट ने MX प्लेयर को 2018 में अनुमानित 140 मिलियन डॉलर या 1,000 करोड़ रुपए में खरीदा था। सूत्रों का कहना है कि Amazon ने MX प्लेयर के लिए लगभग 60 मिलियन डॉलर की पेशकश की है, जो इसकी खरीद लागत का लगभग आधा है। 2022 में MX प्लेयर भारत में सबसे अधिक डाउनलोड किया जाने वाला ऐप और दुनिया में तीसरा सबसे अधिक डाउनलोड किया जाने वाला ऐप बन गया है। कंपनी की शाखा Gradeup को पहले ही एनसीएलटी की मंजूरी के जरिए बायजू के साथ मिला दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, टाइम्स इंटरनेट की शेयरहोल्डिंग में भी बदलाव हुआ है और टाइम्स ग्रुप की अलग-अलग संस्थाओं और परिवार के सदस्यों की हिस्सेदारी 2021-22 में BCCL को ट्रांसफर कर दी गई थी।



बराबर बंटवारा नहीं आसान



TIL टाइम्स कार्ड, टाइम्स जॉब्स, MensXP, आईडीवा, स्पीकिंग ट्री, Cricbuzz.com, टाइम्स प्राइम, ईटी मनी का भी संचालन करती है। प्रिंट विज्ञापन की बिक्री सहित ऑनलाइन और ऑफलाइन सेवाएं भी देती  है। टाइम्स ग्रुप के साथ काम कर चुके एक सीनियर एडिटर का मानना है कि ग्रुप के कई व्यवसायों को दो बराबर हिस्सों में बांटना कठिन होगा। अभी टीआईएल के अधिकांश ऑपरेशन समीर जैन के दामाद और टाइम्स इंटरनेट के उपाध्यक्ष सत्यन गजवानी संचालित करते हैं। वहीं एक अन्य मीडिया  रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मीडिया ऑक्शन के बाद, टीआईएल की विभिन्न संस्थाएं बाहरी लोगों के हाथों में भी जा सकती हैं। 


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