AMBIKAPUR. अंबिकापुर के हसदेव अरण्य में कोल ब्लॉक के विरोध के बीच मंत्री टीएस सिंहदेव का बड़ा बयान आया है। मंत्री टीएस ने कहा कि जन भावनाओं को देखते हुए हसदेव अरण्य क्षेत्र के परसा कोल ब्लॉक (हरिहरपुर-फतेहपुर), केते एक्सटेंशन और पेंडरखी कोल ब्लॉक से कोयला खनन की अनुमति नहीं देने की सीएम भूपेश बघेल ने सहमति दे दी है। सीएम भूपेश से चर्चा के बाद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अंबिकापुर में पत्रकारों से चर्चा के दौरान इसकी जानकारी दी।
नहीं खोली जाएंगी सरगुजा क्षेत्र की 3 खदानें
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने बताया कि परसा ईस्ट केते बासेन (पीईकेबी) कोल ब्लॉक से दूसरे चरण के कोयला उत्खनन के लिए ग्रामीणों में ही एक राय नहीं है। इसलिए वे तटस्थ हैं। किसी एक का समर्थन करना न्यायसंगत नहीं है। स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों से चर्चा के बाद शुक्रवार को ही उन्होंने प्रस्तावित नई कोयला खदानों को लेकर सीएम भूपेश बघेल से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने सहमति दे दी है कि हसदेव अरण्य के सरगुजा क्षेत्र की 3 खदानों को नहीं खोला जाएगा।
क्षेत्र में नहीं होगी पेड़ों की कटाई
इस फैसले के बाद अब उस क्षेत्र में पेड़ों की कटाई नहीं होगी। परसा कोल ब्लॉक (फतेहपुर,हरिहरपुर) को लेकर ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए राजस्थान राज्य ताप बिजली परियोजना को आबंटित परसा ईस्ट केते बासेन (पीईकेबी) के दूसरे चरण का काम शुरू नहीं हो सका था। पहले चरण का कोयला उत्खनन के बाद काम बंद हो चुका है। इस खदान को लेकर भी ग्रामीण अब विरोध करने लगे थे। पहले शुरू हो चुके पीईकेबी कोयला खदान के दूसरे चरण के काम को लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है।
खदान ना खुलने पर अड़े रहे ग्रामीण
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बताया कि SECL विश्रामपुर क्षेत्र के अमेरा में खुली खदान का विस्तारीकरण सिर्फ इसलिए नहीं हो सका कि अमेरा से लगे कटकोना और परसोढ़ी के ग्रामीणों ने खदान ना खुलने देने का विरोध किया। सभी की एक राय थी इसलिए वहां खदान का विस्तार नहीं हो सका।