RAIPUR. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजाति की सूची में बिझिया समुदाय समेत 12 समुदायों को जोड़ने के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के ट्रांस-गिरी क्षेत्र के हट्टी समुदाय को अधिसूचित अनुसूचित जनजाति की सूची में जोड़ने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और अनुराग ठाकुर ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी। ठाकुर ने कहा कि सिरमौर जिले के ट्रांस-गिरी क्षेत्र के हट्टी समुदाय के लोग काफी समय से यह मांग कर रहे थे कि उन्हें अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया जाए । उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में जौनसार क्षेत्र में ऐसे ही लोगों को यह दर्जा प्राप्त है। ऐसे में यह ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है।
पांच राज्यों की जातियां अनुसूचित जनजाति में सम्मिलित
वहीं, जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि बिझिया समुदाय को ओडिया और झारखंड में अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में रखा गया है, लेकिन छत्तीसगढ़ में ऐसा नहीं है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में सभी औपचारिकताओं को पूरा कर लिया गया है। इसमें राज्य से सिफारिश आने, भारत के महापंजीयक से सलाह करने और अंतर मंत्रालयी विमर्श के बाद मंत्रिमंडल के समक्ष रखा गया और इसे मंजूरी मिल गई।
गोंड जाति को किया गया शामिल
मुंडा ने कहा कि मंत्रिमंडल ने तमिलनाडु के पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले नारिकुर्वर और कुरूविकरण को भी इस सूची में शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में देश के पांच राज्यों की जातियों को अनुसूचित जनजाति में सम्मिलित किया गया है। इसमें उत्तर प्रदेश के 13 जिलों में गोंड जाति के लोगों को अनुसूचित जाति से हटाकर अनुसूचित जनजाति में शामिल किया गया है। इसके अलावा गोंड जाति की 5 उपजातियों- धुरिया, नायक, ओझा, पठारी और राजगोंड- को भी अनुसूचित जनजाति में शामिल किया गया।