SUKMA:2017 के नक्सली हमले में शहीद 25 जवानों की हत्या मामले में गिरफ़्तार 121 दोषमुक्त, अदालत में किसी आरोपी की पहचान ही नहीं हुई

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Yagyawalkya Mishra
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SUKMA:2017 के नक्सली हमले में शहीद 25 जवानों की हत्या मामले में गिरफ़्तार 121 दोषमुक्त, अदालत में किसी आरोपी की पहचान ही नहीं हुई

Sukma। बीते 24 अप्रैल 2017 को बुरकापाल में नक्सली एंबुश में शहीद 25 जवानों की हत्या के मामले में विशेष अदालत ने इस मामले में गिरफ्तार 121 को दोषमुक्त कर दिया है। अदालत की कार्यवाही के दौरान पुलिस की ओर से इस मामले में अभियुक्त के रुप में पेश 121 लोगों की पहचान नक्सली या कि हमलावर के रुप में नहीं हो पाई।पुलिस की ओर से पेश 25 साक्षियों में से जिनकी संख्या क़रीब बीस है, उन्होंने पुलिस ( अभियोजन ) के आरोपों का समर्थन नहीं किया।अदालत ने यह पाया कि,अभियोजन अदालत में पेश अभियुक्तों के खिलाफ ना तो पहचान को स्थापित कर पाया और ना ही घटनास्थल पर इनकी उपस्थिति को।









सर्चिंग पर थी पार्टी तब हुआ था हमला



   24 अप्रैल 2017 को सीआरपीएफ़ और ज़िला पुलिस का संयुक्त दल सर्चिंग पर निकले था, नक्सलियों ने एंबुश लगाकर हमला किया था, जिसमें 25 जवान शहीद हो गए थे।









क्या कहा अदालत ने



 एनआईए एक्ट के विशेष न्यायाधीश दीपक कुमार देशलहरे ने इन अभियुक्तों को बरी करते हुए लिखा है







“घटना के समय इन अभियुक्तों की उपस्थिति और उनकी पहचान ही विचारण हेतु मुख्य प्रश्न रहा है,लेकिन इस प्रकरण में उपलब्ध किसी भी अभियोजन साक्षियों द्वारा घटना के समय मौक़े पर इन अभियुक्तों की उपस्थिति और पहचान के संबंध में कोई कथन नहीं किया गया है।इन अभियुक्तगण के आधिपत्य से कोई घातक आयुध एवं आग्नेय शस्त्र जप्त किया जाना प्रमाणित नहीं हुआ है।अभियोजन द्वारा जिन साक्षियों का कथन न्यायालय में कराया गया है, उनके साक्ष्यों माध्यम से इन अभियुक्तगण के विरुध्द किसी भी आरोप को प्रमाणित नहीं किया जा सका है”







 अदालत ने आदेश के 25 वें बिंदु में लिखा है







“प्रकरण में आए साक्ष्य पर समग्र रुप से विचार करें तो, अभियोजन की ओर से इन अभियुक्तगण के विरुध्द आरोप के संबंध में जिन साक्षियों का कथन कराया गया है,उनमें से किसी के भी कथन में ऐसा कोई तथ्य विश्वास किए जाने योग्य नहीं आया है, जिससे यह प्रमाणित हो कि, अभियुक्तगण प्रतिबंधित नक्सली संगठन के सदस्य हैं तथा घटना में संलिप्त रहे हैं।अभियुक्तगण के आधिपत्य से कोई घातक आयुध एवं आग्नेय शस्त्र की जप्ती भी प्रमाणित नहीं हुआ है।ऐसी स्थिति में इन अभियुक्तगण के खिलाफ अपराध में कोई भी आरोप प्रमाणित होना नहीं पाया जाता है”



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