RAIPUR: छत्तीसगढ़ में पिछले डेढ़ माह के अंदर ही भारी बारिश (heavy rains in chhattisgarh) के चलते हुई आपदाओं से अब तक तकरबीन 26 लोगों की मौत हो चुकी है। हालात अब भी गंभीर हैं क्योंकि लगातार बारिश के कारण बस्तर (bastar) में बहने वाली इंद्रावती (indravati) समेत कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। संभाग से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक एक जून से 15 जुलाई तक बारिश और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण 26 लोगों की मौत हो चुकी है। इसी दौरान अलग-अलग जिलों में 247 घर आंशिक रूप से या पूरी तरह से क्षतिग्रस्त भो हो गए हैं। इन सभी बारिश से प्रभावित जिलों में करीब दस राहत शिविर बनाए गए हैं। इंसानों के अलावा बारिश के चलते 219 जानवरों की भी मृत्यु हुई है।
आपदा प्रबंधन विभाग ने दी जानकारी
राज्य के राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी ने ये जानकारी दी है कि राज्य में एक जून से मानसून की शुरुआत हुई है। इस दौरान 13 लोगों की आकाशीय बिजली की चपेट में आने से और 11 लोगों की पानी में डूबने से और दो लोगों की मौत सांप के काटने से हुई है। राज्य में बस्तर संभाग के बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा, नारायणपुर, कांकेर और कोंडागांव जिलों तथा गरियाबंद, सरगुजा और कबीरधाम जिलों में भारी बारिश का दौर जारी है। उन्होंने बताया कि भारी बारिश से गोदावरी नदी भी उफान पर है। इसके अलावा बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिले के कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है।
बचाव दल सक्रिय
गोदावरी नदी की प्रमुख सहायक नदी इंद्रावती भी खतरे के निशान से ऊपर है। नदियों के उफान वाले स्थानों पर राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और पुलिस एवं दमकल कर्मियों को दल को रेस्क्यू के लिए पहले ही तैनात कर दिया गया है। राज्य में एक जून से शुक्रवार 15 जुलाई तक औसतन 386।7 मिमी बारिश दर्ज हुई है। जिसमें सर्वाधिक बीजापुर जिले में 933।2 मिमी बारिश हुई है।