BILASPUR: फास्ट ट्रैक कोर्ट (fast track court) ने 3 साल की बच्ची से दुष्कर्म करने वाले 46 वर्षीय आरोपी को आखिरी सांस तक (life imprisonment) जेल में रहने की सजा सुनाई है। इतना ही नहीं कोर्ट ने इस मामले में तल्ख टिप्पणी भी की है। कोर्ट ने कहा ऐसे लोग समाज के लिए घातक होते हैं। ऐसे अपराध के लिए आरोपी को सख्त से सख्त सजा मिलनी ही चाहिए। कोर्ट का ये फैसला घटना के एक साल बाद आया है।
क्या थी घटना?
ये घटना कोटा थाना क्षेत्र में 18 जून 2021 को हुई थी। इस थाना क्षेत्र में एक बुजुर्ग महिला अपने बेटा-बहू और पोती के साथ रहती है। पड़ोसी शिव प्रसाद मार्को उनकी 3 साल की पोती को कार्टून दिखाने के बहाने अपने घर ले गया। देर शाम तक जब बच्ची घर नहीं आई, तब उसकी दादी बुलाने पहुंची। मासूम की दादी ने खिड़की से झांककर देखा तो उनके होश उड़ गए। बिस्तर पर शिव प्रसाद मार्को और उनकी पोती आपत्तिजनक स्थिति में थे।
बेहोश हो गई थी बच्ची
दादी के शोर मचाने पर शिवप्रसाद ने दरवाजा खोला। अंदर जाने पर बच्ची बेहोश मिली। दादी को बच्ची के साथ गलत होने का शक हुआ। इसके बाद गांव के सरपंच और बुजुर्गों को बुलाया गया। और, बच्ची को अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया। बच्ची की दादी की रिपोर्ट पर पुलिस ने केस दर्ज किया और आरोपी शिवप्रसाद मार्को को गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया।
फास्ट ट्रैक कोर्ट की टिप्पणी
एडिशनल सेशन जज (फास्ट ट्रैक कोर्ट) ने सभी पक्षों को सुनने के बाद आरोपी को दोषी पाया। कोर्ट ने कहा कि आरोपी का अपराध गंभीर है, उसे कठोर सजा मिलनी चाहिए। कोर्ट ने आरोपी शिवप्रसाद मार्को को धारा 363 में 4 साल कैद और 250 रुपए जुर्माना, धारा 366 में 5 वर्ष कैद व 250 रुपये अर्थदंड के साथ ही धारा 5 (एम)/6 पॉक्सो एक्ट के तहत आजीवन कारावास और 500 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि आजीवन कारावास की सजा का मतलब उसका शेष जीवनकाल जेल में ही बीतेगा।