बीजापुर के आवासीय स्कूल में चूल्हे पर पक रहे चावल के गंज में गिरा 5 साल का मासूम, अस्पताल में भर्ती, हालत नाजुक

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The Sootr CG
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बीजापुर के आवासीय स्कूल में चूल्हे पर पक रहे चावल के गंज में गिरा 5 साल का मासूम, अस्पताल में भर्ती, हालत नाजुक

BIJAPUR. छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के उसूर में संचालित पोटाकेबिन (आवासीय स्कूल) में पांच साल का बच्चा चूल्हे पर खौलते चावल और पानी के गंजे में गिर गया। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे तत्काल बीजापुर के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। 



पैर फिसलने से हुई घटना



बता दें कि उसूर पोटाकेबिन आवासीय स्कूल में पढ़ाई कर रहे छात्र मुचाकी हड़मा शुक्रवार (3 मार्च) की शाम किचन में किसी काम से गया हुआ था। इस दौरान वह चूल्हे के पास पहुंच गया, लेकिन तभी उसका पैर फिसल गया और वह सीधे चूल्हे के ऊपर रखे चावल के गंजें में गिर गया। बताया जा रहा है कि इस घटना से कुछ देर पहले ही चावल को पकाने के लिए चूल्हे पर चढ़ाया गया था।



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अब अफसर कर रहे पूछताछ



अचानक बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी तो दूसरे छात्र और अधीक्षक मौके पर पहुंचे। तत्काल उसे उसूर के अस्पताल ले जाया गया। वहां प्राथमिक उपचार करने के बाद बच्चे को बीजापुर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहां भर्ती कर उसका इलाज किया जा रहा है। इस घटना के बाद प्रशासनिक अफसर बच्चों समेत पोटाकेबिन के स्टाफ से पूछताछ कर रहे हैं। 



ये है पोटाकेबिन



पोटाकेबिन आवासीय स्कूल है, जो बस्तर के सुदूर इलाके में संचालित किए जा रहे हैं। दरअसल, पहले सुरक्षा बलों के जवान नक्सल विरोधी अभियान में इन इलाकों के स्कूलों में अपना पड़ाव डाल देते थे, जबकि नक्सली भी इन स्कूलों को विस्फोट से उड़ा देते थे। इसी वजह से बस्तर संभाग में बीजापुर और दंतेवाड़ा के लगभग 200 से भी ज्‍यादा स्कूल कई साल से बंद पड़े हैं। बाद में सरकार ने नक्सल प्रभावित इलाकों में पक्के भवनों की जगह स्कूलों के लिए कच्चे भवनों का निर्माण करने का फैसला किया। इन कच्चे भवनों को पोटोकेबिन या पोटाकेबिन के नाम से जाना जाता है। यहां पर नक्सल प्रभावित इलाकों से बच्चों को आवासीय स्कूल की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।


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