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याज्ञवल्क्य मिश्रा, RAIPUR. ईडी के खिलाफ हाईकोर्ट में 6 अलग- अलग याचिकाएं लगाई गई हैं। इनमें हनीफ ढेबर और अनवर ढेबर की ओर से लगाई याचिकाएं भी शामिल हैं। इन 6 याचिकाओं में से तीन याचिकाओं पर सुनवाई सत्र अप्रैल को होगी। इन याचिकाओं में ईडी पर दबाव डाल कर बयान लेने और प्रताड़ित करने के आरोप हैं। एक याचिका में राज्य सरकार को भी पार्टी बनाया गया है।
क्या है मसला?
ईडी के खिलाफ अभिषेक सिंह, अमित सिंह, पिंकी सिंह, निकेश पुरोहित, हनीफ ढेबर और अनवर ढेबर की ओर से हाईकोर्ट में याचिका पेश की गई है। इन याचिकाओं में अमित सिंह,पिंकी सिंह और निकेश पुरोहित की ओर से मांग है कि उनका जो बयान दर्ज किया गया है, वह ईडी ने प्रताड़ित करके और दबाव देकर लिया है। वह बयान शून्य घोषित किया जाए। हनीफ ढेबर की ओर से दायर याचिका में भी ईडी पर इसी तरह के आरोप हैं। हनीफ ढेबर की याचिका में ईडी की कार्रवाई पर रोक लगाए जाने और जब्त की गई संपत्ति, जिनमें नकदी और मोबाइल शामिल है, उसे वापस किए जाने की मांग है। जबकि अनवर ढेबर की ओर से दायर याचिका यह मांग करती है कि वह ईडी को जांच के लिए सहयोग के लिए तैयार है, लेकिन पूछताछ के लिए जब भी बुलाया जाए तो उनके वकील पूरे समय मौजूद रहें। साथ ही सीसीटीवी की रिकॉर्डिंग हो। अनवर ढेबर की याचिका के साथ एक मेडिकल रिपोर्ट भी लगाई गई है।
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याचिका में राज्य सरकार भी पार्टी
हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं में ईडी के साथ राज्य सरकार को भी पक्षकार बनाया गया है। जिन याचिका में राज्य सरकार को भी पक्षकार बनाया गया है। उसमें यह मांग है कि ईडी के जिस अधिकारी ने स्टेटमेंट रिकॉर्ड किया है, उसके खिलाफ कार्रवाई हो। साथ ही राज्य सरकार को यह निर्देश देने की याचना भी है कि ‘लाईफ और लिबर्टी’ की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार जो भी कर सकती है, वह राज्य सरकार करें।
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डबल बेंच करेगी सुनवाई
ईडी के खिलाफ दायर इन याचिकाओं में से तीन याचिकाओं जो कि अमित सिंह, पिंकी सिंह और निकेश पुरोहित द्वारा पेश की गई, उनकी 12 अप्रैल को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस संजय के अग्रवाल की बेंच ने सुनवाई की। याचिकाकर्ताओं की ओर से आग्रह के बाद चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस संजय के अग्रवाल की बेंच ने सुनवाई के लिए सत्रह अप्रैल की तारीख नियत की है।