AMBILAPUR. बलरामपुर में एक बार नक्सली अपना पांव पसारने में जुट गए हैं। इस इलाके में लगातार अपनी गतिविधि दिखा रहे हैं। इसके साथ पुलिस भी अलर्ट होकर अपना काम कर रही है। इस बीच, आज तीन महिला नक्सली सहित 7 नक्सलियों ने आत्मसर्पण कर दिया है। ये सभी छत्तीसगढ़ और झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्र में सक्रिय थे। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में कोई भी हार्डकोर नक्सली नहीं हैं। हालांकि, कुछ मामलों में उन्होंने शामिल होना स्वीकार किया है।
ये हैं समर्पित नक्सली
समर्पित नक्सलियों में नन्दू कोरवा पिता मुनेश्वर कोरवा (28), गुड़वा कोरवा पिता राजेश कोरवा (30), सनी बृजिया पिता बलराम बृजिया (18), लक्ष्मण नगेशिया पिता रामनाथ नगेशिया (35), आशा उर्फ फुलवंती पिता गोदाम कोरवा (21), अमरिता उर्फ सरस्वती पति नेशनल गांझू (20) सभी सामरीपाठ थाना अंतर्गत रहने वाले तथा कुमारी कांती पिता कोके कोरवा (20) निवासी ग्राम सेमराखांड़, थाना महुडांड़ जिला लातेहार झारखंड शामिल है।
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इनमें एक महिला नक्सली झारखंड की निवासी है
इन नक्सलियों के सरेंडर के बाद बलरामपुर एसपी मोहित गर्ग ने बताया कि छत्तीसगढ़ सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया गया। नक्सली दस्तों में शामिल आरोपियों के धरपकड़ के लिए दबाव बनाए जाने के बाद तीन महिला और चार पुरुष सदस्यों ने बलरामपुर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है। इनमें एक महिला नक्सली झारखंड की निवासी है। बाकी छह बलरामपुर के सामरी क्षेत्र के हैं।
आगजनी समेत कई घटनाओं में शामिल थे ये नक्सली
एसपी मोहित गर्ग ने बताया कि सभी आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने इनामी जानेल कमांडर विमल के दस्ते में साल 2016-17 से साल 2018-19 में कुछ माह से लेकर एक वर्ष तक सक्रिय रहे। इस दौरान उन्होंने संतरी ड्यूटी की एवं बम लगाने एवं आगजनी की घटनाओं में शामिल होना स्वीकार किया है। वे स्वयं ही दस्ते से भाग निकले थे। समर्पित नक्सलियों ने पुलिस को बताया कि उन्हें जोनल कमांडर विमल ने अपने साथ ले जाकर दस्ते में शामिल किया गया था। वहां खाना बनाने, सामान ढोने के साथ संतरी ड्यूटी दी जाती थी। संतरी ड्यूटी के दौरान उन्हें बंदूकें दी जाती थी। कुछ समय तक नक्सलियों के साथ रहने के बाद वे मौका पाकर भाग निकले थे।