AMBIKAPUR. आप भी कह रहे होंगे कि अभी तो न कोई चुनाव हुआ और न ही कोई फेरबदल मगर कैसे बदल गए अम्बिकापुर नगर निगम के महापौर। चलिए आपको बताते हैं कि भला माजरा क्या है, दरअसल साहित्य सिंह शहर के सबसे पुराने शासकीय स्कूलो में से एक केदारपुर स्कूल में पढ़ने वाले 8वीं के छात्र हैं। इनकी इच्छा थी कि वो महापौर बनें और उसकी इच्छा पूरी की महापौर डॉ अजय तिर्की ने। उन्होंने साहित्य सिंह को एक दिन के लिए महापौर बनाया और अपनी कुर्सी पर भी बिठाया। अंबिकापुर के शासकीय प्राथमिक स्कूल केदारपुर के आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले साहित्य सिंह ने एक दिन का महापौर बनने की इच्छा जाहिर की। इसको देखते हुए नगर निगम अंबिकापुर के महापौर डॉ अजय तिर्की ने उसकी इच्छा को पूरा करते हुए एक दिन का महापौर बनाने के लिए अपनी कुर्सी दी।
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इस दौरान आठवीं में पढ़ने वाले छात्र साहित्य सिंह ने महापौर के सवालों का बेफिक्री से जवाब देते हुए उनके कार्यप्रणाली के बारे में बताया। इससे महापौर सुनकर काफी प्रभावित हुए और उन्होंने भविष्य में बेहतर पढ़ाई करने के लिए शुभकामनाएं दी। बता दें कि इसके पहले बैकुंठपुर में एक बच्ची को एक दिन का कोतवाली प्रभारी बनाया गया था। इन सबके पीछे मंशा यही है कि बच्चे इनकी अहमियत को समझें और बड़े होकर, पढ़ लिखकर जिम्मेदार नागरिक बनें जिसे एक बेहतर पहल भी कहा जा सकता है। बता दें कि इस तरह के प्रयोग प्रदेश में अक्सर देखे जा रहे हैं। कहीं इस तरह बच्चों को थानेदार बनते देखा जा रहा है तो कहीं एसपी तो कहीं महापौर बनाकर इन बच्चों की इच्छा पूरी की जा रही है। बहरहाल इस प्रकार के नवाचार से बच्चों को प्रोत्साहित करने का उपक्रम करके कुछ समय के लिए ही सही उनमें खुशी का संचार जरूर हो रहा है।