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बलरामपुर−रामानुजगंज। उत्तर छत्तीसगढ़ के बेहद संवेदनशील और सघन नक्सल प्रभावित सबाग, बन्दरचुआ, एवम भुताही मोड़ का एडीजी नक्सल अभियान विवेकानंद और सरगुजा आई जी अजय यादव ने दाैरा कर जवानों से संवाद के साथ साथ उनकी हाैसलाअफजाई की है। मुख्यमंत्री बघेल के दाैरे की शुरूआत इसी बलरामपुर रामानुजगंज जिले से होने जा रही है,जिसका सरहदी इलाका सीधे झारखंड से जुड़ता है। सबाग, बन्दरचुआ, एवम भुताही मोड़ वे सरहदी गांव हैं जहां नक्सली गतिविधियां चरम पर रहती हैं। हालांकि लंबे समय से नक्सली सक्रियता इस इलाके में नही है, लेकिन कुछ ही किलोमीटर के बाद शुरू होने वाला झारखंड का बूढा पहाड़ नक्सलियाें की सबसे सुरक्षित पनाहागाह माना जाता है। बूढा पहाड़ इलाके में झारखंड पुलिस ने कई मौकों पर कब्जा करने की कवायद की है, लेकिन पुलिस को सफलता नही मिल पाई है। इस इलाके में छत्तीसगढ़ ने अपनी सीमा पर कैंप बना रखे हैं,यहां सीआरपीएफ और पुलिस का संयुक्त कैंप भी बन रहा है।
इस कैंप का रणनीतिक महत्व
सरहदी इलाके में इस कैंप का रणनीतिक महत्व है,पुलिस की मौजुदगी नक्सलियाें के आवागमन के साथ साथ उनके प्रभाव क्षेत्र को सीमित करेगी। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक नक्सल अभियान विवेकानंद सिन्हा ने यही उम्मीद जताते हुए कहा कि,अब नक्सलियाें और उनके समर्थकों के लिए बेरोक टोक आवाजाही या झारखंड में उत्पात मचा कर छत्तीसगढ़ आ पाना अब बेहद मुश्किल हो जाएगा। रेंज आईजी ने अजय यादव ने नागरिकों से बेहतर संवाद और विश्वास बनाने पर जोर देते हुए कहा जवानों से कहा निश्चित ही इस क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियां सहित अन्य कारकों से आप सभी परिचित हैं। आपकी मेहतन उपस्थिति की तारीफ है लेकिन जनता के बीच विश्वास का सेतु बेहद मजबूत होना चाहिए,प्रयास करिए नागरिक कैंप पर आप पर भरोसा करे और वाे भरोसा ना टूटे।
पुलिस हाई अलर्ट पर
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राज्यव्यापी दाैरे की शुरूआत इसी बलरामपुर रामानुजगंज जिले से होगी,इस जिले की दो विधानसभा सामरी और बलरामपुर में मुख्यमंत्री बघेल दो दिन रहेंगे,इस दौरान जैसा कि तय है वे हर विधानसभा के तीन गांव में पहुंचेंगे,इस लिहाज से वे इन दोनाें विधानसभा के तीन तीन गांवाें में पहुंचेंगे,हालांकि लंबे अरसे से नक्सली हलचल दर्ज नही की गई है,लेकिन नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने की वजह से पुलिस हाई अलर्ट पर है। नक्सल अभियान के एडीजी विवेकानंद सिन्हा की प्रत्यक्ष माैजुदगी के पीछे इस इलाके का नक्सल प्रभावित होना अहम कारण है।