Durg। आंदोलन धरना प्रदर्शन पर प्रदेश सरकार के नियम के विरोध को लेकर कल भाजपा के प्रदेशव्यापी जेल भरो आंदोलन की रणनीति दुर्ग भिलाई में कैसे प्रभावी हो,कैसे प्रदर्शन बेहतर हो, इसको लेकर आयोजित बीजेपी की बैठक कलह के सार्वजनिक प्रदर्शन का मंच बन गई।दुर्ग जिला बीजेपी कार्यालय में आयाेजित बैठक में सांसद विजय बघेल ने नसीहती अंदाज में संगठन को मजबूत करने की बात कही तो मंच पर ही राकेश पांडेय ने इस नसीहत पर सवाल खड़े कर दिए। भाजपा की इस बैठक में यह वाकया तब हुआ जबकि मंच पर संगठन मंत्री पवन साय खुद मौजुद थे। यह मामला वहीं थमा मान लिया जाता लेकिन इसके बाद इस बैठक की जानकारी देने के लिए प्रेस को जिला मीडिया प्रभारी के व्हाटसएप से जो विज्ञप्ति आई,उसने सभी को चकित कर के रख दिया। बीजेपी के दुर्ग मीडिया प्रभारी कुलदीप सिंह के द्वारा व्हाट्सएप पर जारी विज्ञप्तिमें सांसद विजय बघेल की नसीहत को लेकर बैठक के भीतर क्या हुआ यह तो दर्ज था ही,साथ में यह ब्याैरा भी जारी कर दिया गया कि,सांसद विजय बघेल की नसीहत पर बीजेपी दुर्ग भिलाई के प्रमुख लाेगों ने क्या प्रतिक्रिया दी है।
क्या हुआ बीजेपी कार्यालय में
दुर्ग बीजेपी कार्यालय में हुई इस बैठक मेंं सांसद विजय बघेल ने आंदोलन में कार्यकर्ताओं की प्रभावी संख्या उपस्थिति की अपेक्षा करते हुए 2003 के दौर की याद करते हुए कहा कि, उस दौर में जो बीजेपी के प्रदर्शन होता थी,उसमें संख्या बेहद प्रभावी होती थी, तब प्रदर्शन ऐसा होता था कि,राेड पर जाम लग जाता था,लेकिन अब ऐसा प्रदर्शन दुर्ग भिलाई में नही होता,इससे बेहतर करने की जरूरत है। संगठन को बेहतर सक्रियता दिखाना चाहिए,ताकि बेहतर प्रदर्शन हो,हमें पुराने कार्यकर्ताओं को भी साथ लेना चाहिए। नसीहती अंदाज में कही इस बात के ठीक बाद मंच पर प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राकेश पांडेय माईक पर आए और उन्होने करीब तीन मिनट के संबोधन में सांसद विजय बघेल की नसीहत पर प्रतिक्रिया देते हुए संतुलित शब्दों में लेकिन कड़ी आपत्ति दर्ज कर दी। राकेश पांडेय ने कहा बार बार संगठन के कार्य और क्षमता पर प्रश्नचिन्ह लगााना संगठन का अपमान है, इससे बचना चाहिए,संगठन सर्वाेपरि है।
प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राकेश पांडेय की एक पहचान यह भी है कि, वे पूर्व लोकसभा सांसद और मौजुदा समय में राज्यसभा सदस्य सरोज पांडेय के भाई हैं। सीधे सीधे मंच पर हुए इस घमासान के बाद मामला थम जाता तो भी गनीमत थी, आखिर बीजेपी की आतंरिक बैठक थी, मर्यादित बहस मुबाहिस सामान्य प्रकृति है, लेकिन जबकि प्रेस रिलीज जारी की गई,जिससे कि, यह पता चलता कि,बैठक में साेलह मई के प्रदर्शन को लेकर बीजेपी की क्या तैयारी है तो उस में बैठक के इस मूल विषय की जानकारी कम लेकिन सांसद विजय बघेल के व्यक्तव्य और उस पर बैठक में हुए घटनाक्रम के साथ साथ दुर्ग भिलाई के उन कार्यकर्ताओं के बयान भी नाम के साथ जारी कर दिए गए,जिन नामों को बीजेपी के भीतरखाने सरोज पांडेय का समर्थक माना जाता है,नाम के साथ जारी प्रतिक्रिया में सांसद विजय बघेल पर तीखी टिप्पणी थी, जिससे मीडिया को यह समझ पाने में कतई चूक नही हुई कि,संंगठन के भीतरखाने फील गूड तो पहले भी नही था, लेकिन अब मामला सीधे सीधे आमने सामने है।
क्या था उस बयान में
दुर्ग भिलाई जिला भाजपा मीडिया सेल प्रभारी कुलदीप सिंह के द्वारा व्हाटसएप पर जारी विज्ञप्ति में लिखा गया था −
इसी कड़ी में सांसद बघेल जी ने भाजपा संगठन की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह भी उठाया,उन्हाेने कहाकि, संगठन अपने पूरी क्षमता से कार्य नही कर रहा है। यह सुनकर सभी अवाक रह गए।इस पर प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राकेश पांडेय जी ने कहा कि, बार बार संगठन के कार्य एवं कार्यकर्ताओं पर प्रश्नचिन्ह लगाना कार्यकर्ता एवं संगठन का अपमान है,हमें इसे बचना चाहिए।संंगठन सर्वोपरि है,संगठन से उपर कुछ भी नही है।इस सांसद जी के व्यक्तव्य से कुछ प्रमुख लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया इस प्रकार दी−
1− पीड़ा महसूस होती है,उनके लगातार इस बर्ताव से − विरेंद्र साहू
2− जब जब बैठक होती है उन्होने कार्यकर्ताओं का मनोबल गिराया − चंद्रिका चंद्राकर,
3−संगठन की अवहेलना कतई बर्दाश्त नही होगी −उषा टावरी,
4−कार्यकर्ताओं को बार बार कटघरे में खड़ा करना उचित नही −डहरे
सतह पर आई फूट
बीजेपी मीडिया सेल के प्रभारी कुलदीप सिंह के मोबाईल से व्हाट्सएप पर जारी विज्ञप्ति से बेहद सधे तरीके से सांसद विजय बघेल खलनायक बना दिए गए। इस विज्ञप्ति के जारी होने की ही वजह से यह भी पुष्ट हो गया कि, बीजेपी जिला कार्यालय की बैठक में हंगामाखेज हो गया है। मीडिया सेल प्रभारी के द्वारा जारी इस बयान से यह भी साबित करने की कोशिश की गई कि, सांसद विजय बघेल के साथ संगठन का समर्थन नही है,और उनके बयान के बाद जिला संगठन बेहद नाराज हो गया है।
यहां यह गौरतलब है कि,जो कुछ भी पार्टी कार्यालय के भीतर हुआ,वहां संगठन मंत्री पवन साय खुद मौजुद थे।पार्टी कार्यालय के भीतर जो भी हुआ,उससे आगे जो बाजरिया विज्ञप्ति हुआ,उससे बीजेपी जिस अनुशासन के लिए जानी जाती है,उसकी धज्जियां उड़ गईं। दुर्ग के इस घटनाक्रम ने अनुशासन के धागे उधेड़कर ही नही रखे,बल्कि उसकी सरेआम नुमाइश भी करा दी गई। यह कहा जाता है कि, दुर्ग सरोज पांडेय का गृह क्षेत्र है और इस क्षेत्र में संगठन पर एकतरफा दखल सरोज पांडेय का ही होता है, इस दखल या कि प्रभाव को सीमित करने की अनिवार्य आवश्यकताओं के महसूस होने के बावजूद अब तक बीजेपी का शीर्ष संगठन कभी कोई सक्रियता नही दिखा पाया है।