याज्ञवलक्य मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ सरकार की गोबर खरीदी योजना पर गड़बड़ी का बड़ा आरोप लगा है। अकलतरा विधायक सौरभ सिंह ने आरोप लगाया है कि गौठानों में जितना वर्मी कंपोस्ट नहीं था उतने की खरीदी का भुगतान सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से कर दिया गया। इस भुगतान के पहले भौतिक सत्यापन भी नहीं कराया गया। ऑनलाइन जो डेटा उपलब्ध था उसे ही सही मानते हुए और वर्मी कंपोस्ट को बगैर जमा कराए अग्रिम भुगतान कर दिया गया।
MLA सौरभ सिंह का आरोप, अकलतरा में 29 लाख और प्रदेश में करोड़ों का घोटाला
अकलतरा विधायक सौरभ सिंह ने कहा है कि केवल ऑनलाइन एंट्री के आधार पर यह अंतिम सत्य कैसे माना जा सकता है कि जो आंकड़े हैं वही सही हैं। ऐसा भी तो संभव है कि जितना गोबर खरीदना बताया गया है वह खरीदा ही नहीं गया और फर्जी भुगतान कर दिया गया। जिस वर्मी कंपोस्ट को बगैर भौतिक सत्यापन के खरीदा गया उसे जमा भी नहीं कराया गया। विधायक सौरभ सिंह ने कहा जब समितियों के पास कुछ हासिल नहीं तो यह क्यों नहीं माना जाए कि फर्जी भुगतान के कारण गौठानों में इतना गोबर था ही नहीं कि उसका वर्मी कंपोस्ट बनाया जाए। जिन गौठानों को अग्रिम भुगतान किया गया वो क्यों किया गया यही तो सवाल है। अकलतरा में 9 हजार 748 बोरी का अतिरिक्त भुगतान हो गया है। यह राशि 29 लाख 24 हजार 400 रुपए होती है। पूरे प्रदेश की गणना कर दें तो यह राशि करोड़ों में जाती है।
समितियों के जरिए किसानों को दिया जाता है कंपोस्ट
राज्य सरकार गोबर खरीदती है और गौठानों में उससे वर्मी कंपोस्ट बनाकर समितियों के माध्यम से किसानों को देती है। बीजेपी का आरोप है कि जो वर्मी कंपोस्ट खरीदी के लिए भुगतान किया गया उसमें बड़ी संख्या में ऐसे मामले थे जिसमें वर्मी कंपोस्ट आया ही नहीं और भुगतान के पहले भौतिक सत्यापन नहीं किया गया। बगैर भौतिक सत्यापन के अग्रिम भुगतान के मामले को लेकर बीजेपी का यह भी आरोप है कि गौठानों में गोबर की फर्जी खरीदी हुई और फर्जी वर्मी कंपोस्ट बताकर उसकी खरीदी बता दी गई।