Bastar।सीएम बघेल ने भेंट मुलाकात कार्यक्रम के तहत चित्रकोट विधानसभा में नागरिकों से मुलाकात की और शासकीय याेजनाओं को लेकर आम जनता से उनका अभिमत लिया।इस अभिमत के दौरान सीएम बघेल ने राज्य सरकार की फ्लैगशीप याेजना आत्मानंद स्कूल को लेकर मिली सलाह को मौके पर ही स्वीकारा और घाेषणा भी की। बतौर सीएम बघेल आम जनता से सीधे जुड़ाव साबित करने की कवायद भी इस भेंट मुलाकात दौरे में कर रहे हैं, और इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए कोई मौका चूकते नहीं हैसीएम बघेल का किलेपाल के साप्ताहिक बाजार से बिंदी और सिंदूर खरीदना इसी कवायद का सफल हिस्सा साबित हुआ है। आत्मसमर्पित नक्सलियाें के पुनर्वास की याेजना का लाभ लेने वाली दसमी से सीएम बघेल की मुलाकात चित्रकोट इको टूरिज्म रिसॉर्ट में हुई,मुख्यमंत्री बघेल ने दसमी की पूरी बात सुनी और भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।सीएम बघेेल कल जगदलपुर विधानसभा के दौरे पर रहेंगे।
आत्मानंद स्कूल में अब हॉस्टल भी बनेगा
चित्रकोट विधानसभा के बड़े किलेपाल गांव में मुख्यमंत्री बघेल जबकि भेंट मुलाकात कार्यक्रम में आम जनता से शासन की योजनाओं की जानकारी ले रहे थे,तभी चंद्रिका ठाकुर नाम की महिला ने मुख्यमंत्री को ये बताया कि उसके दोनों बच्चे स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पढ़ते हैं। महिला ने कहा कि स्कूल काफी दूर है और बच्चों के पिता के काम की वजह से बाहर रहने पर स्कूल छोड़ने की व्यवस्था ना होने से बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं।चंद्रिका ने मुख्यमंत्री को ये सुझाव दिया कि स्वामी आत्मानंद स्कूलों के साथ ही वहां पर स्कूली छात्रों के लिए हास्टल भी बनने चाहिए ताकि दूर दराज से आने वाले बच्चों को रहने के लिए जगह मिल जाए। चंद्रिका ने मुख्यमंत्री से ये भी कहा कि यदि हास्टल नहीं बन सकता तो आत्मानंद स्कूल से स्कूल बस की शुरूआत करा दीजिए ताकि बच्चों को स्कूल आने जाने मे आसानी हो सके।महिला की बातों को सुनकर मुख्यमंत्री बघेल ने उसकी तारीफ की और एक बेहतर सुझाव देने के लिए उसे धन्यवाद भी दिया। मुख्यमंत्री ने तुरंत ही इस सलाह पर अमल करने की बात करते हुए स्कूलों के साथ हास्टल निर्माण करने का वायदा किया और अगले बजट में इस प्रस्ताव को शामिल कराने की बात कही।
आत्मसमर्पित दसमी ने सीएम बघेल को सुनाई अपनी कहानी, मुख्यमंत्री ने जताई संवेदना
बस्तर के चांदामेटा की रहने वाली दसमी कुहरामी के हाथों ने कभी नक्सलियों के बहकावे में आकर बंदूक थामा था। अब यही हाथ बस्तर घूमने के लिए पहुंच रहे पर्यटकों के स्वागत में जुड़ते हैं। कभी नक्सली सदस्य के रूप में पहचान रखने वाली दसमी कुहरामी की पहचान अब एक सभ्य, शिष्ट रिसेप्शनिस्ट के तौर पर बन रही है। आत्मसमर्पित दसमी की आज मुख्यमंत्री बघेल से जब मुलाकात हुई तो दसमी कुहरामी ने अपनी कहानी सीएम बघेल को सुनाई। सीएम बघेल ने दसमी की कहानी सुनने के बाद अपनी संवेदना जताई और उसे बेहतर काम करने के लिए प्रेरित किया।
9 साल तक नक्सली के रूप में जीवन बिताकर आत्मसमर्पण करने वाली दसमी कुहरामी नक्सली संगठन से जुड़ गई थी,उसकी मुलाकात नक्सल गतिविधि में शामिल वर्गेश से हुई। दोनों में प्यार पनपा और कुछ समय बाद दोनों ने शादी कर साथ जीवन बिताने का फैसला किया, लेकिन जिस दिन दसमी और वर्गेश की शादी हुई, उसी दिन कटेकल्याण में सुरक्षा बल के साथ हुए मुठभेड़ में वर्गेश मारा गया। दसमी ने वर्ष 2020 में आत्मसमर्पण कर दिया और आत्मसमर्पण नीति के तहत उसे पुनर्वास कराया गया और अब वाे चित्रकोट इको टूरिज्म रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नाैकरी कर रही है।
कका, काकी के लिए बिंदी ले जाइये
चित्रकोट विधानसभा के बड़े किलेपाल में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जब भेंट मुलाकात के लिए पहुंचे तो सबसे पहले यहां आयोजित हाट बाजार देखने आये। हाटबाजार से जैसे ही मुख्यमंत्री गुजरे,दुकानदार बसंत राय ने उन्हें आवाज लगाई - कका, काकी के लिए बिंदी लेते जाइये। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा- दिखाओ क्या क्या रखे हो, फिर उन्होंने बिंदी खरीद ली।