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Raipur।स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव के नज़दीकी रिश्तेदार वीरभद्र सिंह “सचिन बाबा” की मौत के मामले को संदिग्ध मानते हुए बीजेपी ने मामले की हाईकोर्ट के जज के ज़रिए न्यायिक जाँच कराए जाने की माँग मुख्यमंत्री बघेल से की है।बीजेपी इसे राजनैतिक हत्या मान रही है।इस मसले पर स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने कहा है कि, मान सम्मान पर आघात होने से सचिन विचलित थे, कैसी जाँच हो,यह मुख्यमंत्री और गृह विभाग का विवेक है वे तय करें।
कौन है वीरभद्र, किस लिए तूल पकड़ रहा मामला
वीरभद्र सिंह सरगुजा राजपरिवार के सर्वाधिक निकटतम परिवार धौरपुर हाउस के प्रमुख लाल सोमेश्वर शरण सिंहदेव के बड़े पुत्र थे। वे बीते 24 जुलाई 2021 को तब चर्चाओं में आ गए थे जबकि मुख्यमंत्री के विश्वसनीय और करीबी विधायक बृहस्पति सिंह ने खुद पर हमला किए जाने की बात कहते हुए जिस व्यक्ति पर हमले का आरोप लगाया था वे वीरभद्र सिंह ही थे। विधायक बृहस्पति सिंह ने यह आरोप लगा दिया था कि, मंत्री सिंहदेव उनकी हत्या कराना चाहते हैं।इस पर भूपेश सरकार ने सदन में कोई स्पष्ट व्यक्तव्य नहीं दिया और इस कारण से मंत्री सिंहदेव विधानसभा सत्र छोड़ कर यह कहते हुए चले गए थे कि, मुझ पर आरोप लगे हैं सरकार को स्पष्ट व्यक्तव्य देना ही होगा। अगले ही दिन भूपेश सरकार में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने सदन में व्यक्तव्य पढ़ा और मंत्री सिंहदेव को क्लीन चिट मिली। विधायक बृहस्पति सिंह को मंत्री सिंहदेव पर आरोप लगाने की वजह से खेद व्यक्त करना पड़ा। इधर वीरभद्र सिंह “सचिन बाबा” को उनके तीन साथियों के साथ गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया गया था। वे जल्द ही ज़मानत पर रिहा हो गए और यह प्रकरण अंबिकापुर कोर्ट में चल रहा था।
जिस घटना को लेकर विधायक बृहस्पति सिंह ने मंत्री सिंहदेव पर हत्या के षड्यंत्र का आरोप लगा दिया था, उस घटना में विधायक बृहस्पति सिंह के सुरक्षाकर्मियों को लेकर निजी वाहन आ रहा था, और निजी वाहन की तेज गति को लेकर वीरभद्र सिंह ने फटकार लगाई थी।
वीरभद्र सिंह कल देर शाम दुर्ग अंबिकापुर ट्रेन से अंबिकापुर के लिए निकले थे, और बिलासपुर के बेलगहना के पास ट्रेक के किनारे उनका शव बरामद हुआ था।
क्या कह रही है बीजेपी
बीजेपी के प्रमुख प्रवक्ता और MLA अजय चंद्राकर ने इस घटनाक्रम को संदिग्ध बताते हुए इसे राजनैतिक हत्या होने की आशंका ज़ाहिर की है। बीजेपी ने न्यायिक जाँच की माँग की है। विधायक चंद्राकर ने कहा
“मृतक वीरभद्र सिंह “सचिन” पूर्व में कांग्रेस विधायक पर हुए हमले के मामले में गिरफ़्तार हुए थे। वे पेशी पर जा रहे थे, पेशी पर जाने की जानकारी गोपनीय नहीं हो सकती। यह संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत है।वर्तमान परिस्थितियों में यह सामान्य दुर्घटना प्रतीत नहीं होती।मंत्री सिंहदेव के रिश्तेदार सचिन और कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह के बीच के विवाद में बृहस्पति सिंह ने सिंहदेव से जान का ख़तरा होना बताया था, जिसका सिंहदेव विधानसभा सत्र के दौरान प्रतिरोध करते हुए सदन से बाहर निकल गए थे।ऐसी स्थिति में यह मामला न्यायिक जाँच का है।भूपेश बघेल इस मामले की तत्काल न्यायिक जाँच के आदेश जारी कर मौजूदा हाईकोर्ट जस्टिस से उच्च स्तरीय जाँच कराएँ।
न्यायिक जाँच की माँग पर मंत्री सिंहदेव क्या बोले
बीजेपी की ओर से वीरभद्र सिंह”सचिन बाबा” की मौत पर न्यायिक जाँच की माँग पर मंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा है कि,वीरभद्र के उपर जो कार्यवाही हुई थी जिसमें उन्हें जेल जाना पड़ा उसे मैंने कभी सही नहीं माना, कैसी जांच हो,यह मुख्यमंत्री और गृह विभाग का विवेक है वे तय करें।स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा
“सचिन के उपर जो कार्यवाही हुई थी, जिसमें उन्हें जेल जाना पड़ा, मैंने उसे सही कभी नहीं माना, ऐसी कोई घटना हुई ही नहीं कि, उन्हें जेल जाना पड़े। मान सम्मान पर आघात होने से वे बेहद विचलित थे।”
मंत्री सिंहदेव ने आगे कहा
“क्या यह दुर्घटना थी ( प्रश्नवाचक अंदाज में यह बोल कर मंत्री सिंहदेव थोड़ी देर रुकते हैं),जानबूझकर ऐसा किया गया हो, लगता नहीं पर..( मंत्री सिंहदेव फिर कुछ देर रुकते हैं ), कैसी जाँच की जाएगी, कौन करेगा यह मुख्यमंत्री का और गृह मंत्रालय का विवेक है वे तय करें”