BHOPAL. अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों की जमावट करते हुए बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में अपना चेहरा बदल दिया है। बीजेपी ने कांग्रेस के आदिवासी चेहरे की काट के लिए ओबीसी वर्ग से अपना नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। संघ की रीति-नीति में रचे-बसे बिलासपुर से सांसद अरुण साव को प्रदेश की कमान सौंपी गई है। अभी तक बीजेपी की कमान भी आदिवासी नेता विष्णु देव साय के हाथ में थी।
छत्तीसगढ़ में लगातार चेहरे बदल रही बीजेपी ने प्रदेश के मुखिया को बदलने के संकेत राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पहले ही दे दिया था। आज मंगलवार 9 अगस्त को आदेश जारी कर हाईकमान ने छात्र जीवन से राजनीति में सक्रिय बिलासपुर के सांसद अरुण साव को प्रदेश की कमान सौंपकर सभी को चौंका दिया है।
अरुण साव को प्रभार क्यों?
संघ पृष्ठभूमि में रचे-बसे साव की पहचान शांत और सौम्य नेता के रूप में है। साव पेशे से वकील हैं और हाईकोर्ट में उप महाधिवक्ता भी रहे हैं। वे दो साल पहले लोकसभा चुनाव में पहली बार बिलासपुर सीट से जीते हैं। सांसद साव मूलतः साहू समाज से आते हैं। प्रदेश में साहू समाज का बड़ा वोट बैंक है। खासबात यह कि अभी तक आदिवासी वर्ग के विष्णुदेव साय के हाथ में प्रदेश की कमान थी और वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस की कमान भी आदिवासी वर्ग के हाथ में है। आदिवासी नेता विधायक मोहन मरकाम छत्तीसगढ़ में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष हैं। अब बीजेपी ने अरुण साव को कमान सौंपकर प्रदेश के ओबीसी वोटर्स को साधने की कोशिश की है। साथ ही उनकी नियुक्ति से बिलासपुर संभाग में पार्टी को मजबूती देने में भी संगठन को सफलता मिल सकती है।
अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर बीजेपी ने हाल ही में क्षेत्रीय संगठन मंत्री के रूप में अजय जामवाल की नियुक्ति की है। जामवाल इन दिनों छत्तीसगढ़ प्रवास पर हैं और उन्होंने तीन दिन में प्रदेश पदाधिकारियों, कोर ग्रुप और विधायक दल की बैठक के बाद एक रिपोर्ट केंद्रीय संगठन को सौंपी थी। इस रिपोर्ट के बाद विष्णुदेव साय को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने का फैसला लिया गया है। पिछले दिनों पार्टी हाईकमान ने दिल्ली में अजय जामवाल प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन और विष्णु देव राय के साथ बैठक भी की थी।
साव का सियासी सफर
- अरुण साव अभी लोकसभा सांसद हैं। छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एबीवीपी के प्रदेश मंत्री रह चुके हैं। एबीवीपी की मुंगेली तहसील इकाई के अध्यक्ष, जिला संयोजक से प्रांतीय सह मंत्री और राष्ट्रीय कार्य समिति सदस्य भी रहे। मूलतः मुंगेली के लोहड़िया गांव के निवासी साव मंडल अध्यक्ष तथा जरहागांव विधानसभा क्षेत्र के चुनाव संचालक रहे। साव के पिता अभयराम साव भी आरएसएस और जनसंघ से जुड़े रहे हैं।