Raipur। अब से कुछ देर बाद निलंबित आईपीएस जी पी सिंह की रिहाई केंद्रीय कारागार से हो जाएगी। हाईकोर्ट से जमानत के आदेश होने के बाद आदेश ऑन लाइन उपलब्ध नही हुआ था,जिस पर जी पी सिंह के वकील आशुतोष पांडेय और हिमांशु गुप्ता ने कल शपथ पत्र के साथ आवेदन देकर रायपुर कोर्ट से रिहाई आदेश की मांग की थी। रायपुर कोर्ट इस आवेदन पर आज कोर्ट खुलते ही विचार करती,लेकिन देर रात हाईकोर्ट की वेब साईट पर जी पी सिंह की जमानत का आदेश अपलोड हो गया,अब इस आदेश के साथ आवेदन कोर्ट में पेश कर दिया गया है। कुछ देर में जी पी सिंह के केंद्रीय जेल से निकलने के आदेश जारी हो सकते हैं।
आठ शर्तों पर मिली जमानत
उच्च न्यायालय से 120 दिनों के बाद निलंबित एडीजी जी पी सिंह को जमानत मिली है,लेकिन इस जमानत के साथ कड़ी शर्तें लागू की गई हैं। जस्टिस दीपक तिवारी के द्वारा दिए गए इस जमानत आदेश में आठ शर्तें हैं। ये आठ शर्तें निम्नलिखित है
वह 50,000/- रुपये की राशि में एक व्यक्तिगत बांड निष्पादित करेगा और ट्रायल कोर्ट की संतुष्टि के लिए इतनी ही राशि में एक जमानतदार होगा वह विचारण के निपटारे तक उक्त न्यायालय द्वारा दी गई प्रत्येक तिथि पर विचारण न्यायालय के समक्ष उपस्थित होंगे। यदि जीपी सिंह का मुख्यालय रायपुर में राज्य द्वारा निर्धारित नहीं किया गया है, तो वह न्यायालय की कार्यवाही/विभागीय जांच के दिनों को छोड़कर रायपुर में नहीं रहेंगे। जीपी सिंह अपने ठहरने के बारे में एक बंद लिफाफे में ट्रायल कोर्ट को अग्रिम रूप से सूचित करेंगे,ट्रायल कोर्ट इसे रिकॉर्ड में रखेगा। जीपी सिंहऔर उसके परिवार के सदस्य किसी भी अचल संपत्ति को निचली अदालत की अनुमति के बिना अलग नही करेंगे, गिरवी नहीं रखेंगे। आवेदक मामले के संबंध में कोई प्रेस साक्षात्कार नहीं देगा और न ही कोई सार्वजनिक बयान देगा।जीपी सिंह किसी भी तरह से गवाहों से संपर्क नहीं करेंगे और ना ही उस तरीके से कोई कार्य करेंगे कि, वे कार्यवाही को प्रभावित कर लें।
एक का भी उल्लंघन तो जमानत खारिज
जबकि जीपी सिंह पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर रायपुर कोर्ट लाए गए थे, तब उन्हाेने मीडिया को बयान दे दिया था, उस बयान में उन्होने राज्य सरकार पर आरोप लगाए थे कि, नान घाेटाला मामले में राज्य सरकार पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को अभियुक्त बनाने का दबाव बना रही थी। कोर्ट को दिए आवेदन में भी जीपी सिंह ने इस बात का उल्लेख किया है कि, उनके विरूद्ध की गई कार्यवाही गलत और विद्वेषपूर्ण है।उनके विरूद्ध कार्यवाही उन्हे परेशान करने के लिए की जा रही हैं क्याेंकि राज्य सरकार के दबाव के बावजूद उन्होने डॉ रमन सिंह को नान मामले में नही फंसाया और ना ही नान घाेटाले में बतौर अभियुक्त दर्ज लाेगों को राहत मिल सके इसके लिए गवाहाें को प्रभावित नही किया।
लेकिन अब इस मामले में जी पी सिंह कोई बयान या इंटरव्यू मीडिया को नही दे सकेंगे,चुंकि वे निलंबित हैं इसलिए निलंबन के दौरान उनका मुख्यालय राज्य सरकार तय करेगी जहां पर कि वे अटैच रहेंगे, यदि वह मुख्यालय रायपुर से बाहर रहा तो वे कोर्ट में पेशी या विभागीय जांच के अलावा रायपुर नही आ सकेंगे। जीपी सिंह अपने ठहरने का पूरा विस्तृत ब्याैरा कोर्ट को लगातार उपलब्ध कराते रहेंगे। जाहिर है कि, एक भी शर्त का उल्लंघन यदि हुआ या कि साबित किया जा सका कि, जीपी सिंह ने शर्तों का उल्लंघन कर दिया है तो जीपी सिंह की जमानत खारिज हो जाएगी।