BASTAR: अलग अलग रंगों के खंड से सजा क्यूब तो आपने देखा ही होगा। अक्सर उसे उठा कर सोल्व करने की मतलब एक तरफ सारे एक ही रंग के खंड मिलाने की कोशिश भी की होगी। लेकिन सफलता कम ही मिली होगी। आसान सा दिखने वाला ये क्यूब हर किसी के बस की बात नहीं है। अव्वल तो तुक्का इसमें चलता नहीं, दूसरा ट्रिक बहुत आसान नहीं है और तीसरा ये कि ट्रिक आ भी जाए तो चंद सेकंड में कलर जमा पाना सबके बस की बात नहीं है। जिस खेल में बड़े बड़े हार मान लेते हैं। उस खेल में बस्तर के सात साल के बच्चे ने नया विश्व रिकॉर्ड कायम कर दिया है।
7 साल के बच्चे का कमाल
सात साल के वैवश्वत जोशी ने रूबिक्स क्यूब सॉल्व करने रिकॉर्ड हासिल किया है। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने छात्र के इस रिकॉर्ड को मान्यता दे दी है। साथ ही उसे इससे जुड़ा मेडल और सर्टिफिकेट भी सौंप दिया है। जिसके बाद से वैवश्वत जोशी की चर्चा सिर्फ बस्तर ही नहीं पूरे प्रदेश में हो रही है।
इंडोर गेम के शौक ने बनाया चैंपियन
वैवश्वत जोशी बस्तर के निर्मल स्कूल में पढ़ता है। उसे काफी छोटी उम्र से ही इंडोर गेम्स का शौक रहा। खासतौर से रूबिक्स क्यूब का। जिसे वो दिन रात सॉल्व करने कोशिश करता रहा। लॉकडाउन में तो उसका ज्यादा से ज्यादा समय रूबिक्स क्यूब के साथ ही बीता। बेटे की ये लगन देखकर माता पिता भी उसे हमेशा रूबिक्स क्यूब सॉल्व करने के लिए मोटिवेट करते रहे। शुरूआत में तो ये सिर्फ एक शौक था। धीरे धीरे माता पिता ने इसस जुड़ी जानकारियां हासिल की। तब उन्हें 22 फरवरी को होने वाले कॉम्पिटीशन का पता चला। उन्होंने इस प्रतियोगिता में बेटे का नाम दर्ज करवा दिया।
इस प्रतियोगिता में दुनियाभर के 250 प्लेयर्स ने शिरकत की थी। इस ऑनलाइन कॉम्पिटिशन में सारे प्लेयर्स को क्यूब सॉल्व करने के लिए एक घंटे का समय दिया गया था लेकिन वैवश्वत ने उसे महज पंद्रह मिनट में ही सॉल्व कर दिया। और रिकॉर्ड बना दिया।
पढ़ाई में भी होनहार
सात साल का वैवश्वत खेल में जितना माहिर है पढ़ाई में भी उतना ही होनहार है। उसके माता पिता के मुताबिक क्यूब का जुनून होने के बावजूद वो कभी बेटे की पढ़ाई को लेकर परेशान नहीं रहे। वो समय निकाल कर पढ़ाई भी कर लेता था। इस जुनून को पूरा करने के लिए वैवश्वत ने कभी टीवी या मोबाइल पर गैम भी नहीं खेला। और अपने मिशन में जुटा रहा। उसकी जीत इसी मेहनत का कमाल है।