बिलासपुर हाईकोर्ट ने हजारों परिवारों को दिया झटका, ग्रामीण बैंक में नहीं मिलेगी अनुकंपा नियुक्ति, बैंक के पक्ष में सुनाया फैसला

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The Sootr CG
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बिलासपुर हाईकोर्ट ने हजारों परिवारों को दिया झटका, ग्रामीण बैंक में नहीं मिलेगी अनुकंपा नियुक्ति, बैंक के पक्ष में सुनाया फैसला

BILASPUR. छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक में नौकरी के दौरान मृत कर्मचारियों के परिजनों को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। बैंक ने साल 2007 से अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान खत्म कर दिया था। लेकिन, इसे लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिस पर सभी को उम्मीद थी कि उनके पक्ष में फैसला आएगा। लेकिन अब हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए बैंक के पक्ष में निर्णय दिया है। इससे प्रदेश में हजारों की संख्या में लोगों को फिर निराशा हाथ लगी है और अब उनकी उम्मीदें भी खत्म हो गई हैं।



पहले अनुकंपा नियुक्ति का था प्रावधान



ग्रामीण बैंकों में दूसरे बैंकों की तरह ही अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान था। इसके तहत बैंक में काम करने वाले किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की मौत हो जाती थी तो उनके 1 वारिश को नौकरी दी जाती थी। साल 2007 तक तो ठीक था। लेकिन इसी साल बैंक प्रबंधन ने निर्णय लिया कि अब अनुकंपा नियुक्ति किसी को भी नहीं दी जाएगी। केवल एकमुश्त राशि कर्मचारी की मौत के बाद परिवार को प्रदान की जाएगी।



कोर्ट के फैसेल से हजारों परिवारों को लगा झटका



बीते 15 सालों में प्रदेश के कई ग्रामीण बैंकों में कार्यरत हजारों की संख्या में कर्मचारियों की मौत सेवाकाल में ही हो चुकी है। उनके परिजनों ने भी अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन दिया था। कुछ नए नियम से अनभिज्ञ थे तो किसी को उनकी जरूरत को देखते हुए उम्मीद थी। जब निराशा हाथ लगी तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया। इसी कड़ी में एक पूर्व कर्मचारी के निधन के बाद उनके पुत्र गेंदराम ने भी हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसके अलावा मृत कर्मचारियों के परिजनों की भी आस बंधी हुई थी। 



कोर्ट ने बैंक की पॉलिसी को बतााय उचित



मामले की सुनवाई जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की सिंगल बेंच में चल रही थी। अंतिम सुनवाई के बाद अब इस पर उन्होंने फैसला सुनाया है। इसमें कहा गया है कि बैंक ने जो पॉलिसी बनाई है उसके अनुसार ही वे निर्णय लेने को स्वतंत्र हैं और इस पर दखल नहीं दिया जाएगा। इसके साथ ही अनुकंपा नियुक्ति देने संबंधी आदेश को लेकर उन्हें बाध्य नहीं किया जा सकता। 



कोर्ट के फैसले से सभी निराश



कोर्ट के फैसले ना सिर्फ गेंदराम बल्कि हजारों की संख्या में ऐसे परिवारों को झटका दिया है, जिनके परिवार का कोई सदस्य ग्रामीण बैंक में कार्यरत थे और सेवाकाल में ही उनकी मौत हो गई। कोर्ट का फैसला अब इससे संबंधित याचिकाओं के लिए भी न्याय दृष्टांत बन जाएगा और उन सभी की उम्मीदों पर पानी फिर जाएगा।

 


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