BILASPUR: अपने ही रिश्तेदार की हवस का शिकार हुई 14 साल की नाबालिग (rape victim) को हाईकोर्ट (bilaspur high court) के जस्टिस पी सैम कोशी ने अबॉर्शन कराने की अनुमति दे दी है। डॉक्टर्स की सहमति के बाद अदालत ने मंजूरी दी है। पीड़ित बच्ची गर्भवती होने के बाद से अबॉर्शन के लिए भटक रही थी। उसकी मां ने हाईकोर्ट की शरण ली तो कोर्ट ने उसकी मेडिकल जांच कराई। डॉक्टर्स की सहमति के बाद अब CIMS के विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में अबॉर्शन करने का आदेश दिया गया है।
आरोपी को मिली सजा
जिस रिश्तेदार युवक ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया, उसके खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर जेल भेज दिया है। लेकिन, नाबालिग को अनचाहे गर्भ से अब जाकर छुटकारा मिल सकेगा। लड़की के साथ ही परिजन भी बच्चे को जन्म देने के खिलाफ थे।
हाईकोर्ट की हिदायत
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में ये हिदायत भी दी है कि CIMS के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ही लड़की का अबॉर्शन करे। लड़की के स्वास्थ्य और उम्र को देखते हुए सावधानी से प्रेग्नेंसी खत्म करने का निर्देश भी दिया है। कोर्ट के इस आदेश के बाद पूरे पीड़ित परिवार को बड़ी राहत मिली है।
विशेष परिस्थितियों में अनुमति
डॉक्टर्स के मुताबिक कानून में विशेष परिस्थितियों में 24 सप्ताह तक गर्भ गिराने की अनुमति दी गई है। इसके बाद कोर्ट के आदेश और मेडिकल परीक्षण कराने के बाद ही विशेष प्रकरणों में अबॉर्शन किया जाता है। केरल हाईकोर्ट ने एक दिन पहले ही एक नाबालिग लड़की के 30 सप्ताह का गर्भ गिराने का आदेश दिया है।