KORBA. जिले में शिक्षा विभाग में पदोन्नति प्रक्रिया के बाद शिक्षकों में नाराजगी देखने को मिली है। नाराज शिक्षकों ने सामूहिक रूप से जाकर कलेक्टर को शिकायतें की। शिक्षकों ने बताया कि पदोन्नति प्रक्रिया जोकि 1 हजार 145 शिक्षकों को पदोन्नत करते हुए प्रधान पाठक बनाया गया है। इसमें नियमों को दरकिनार कर पदस्थापना दी गई थी और तो और पदस्थापना और पदोन्नति की सूची संयुक्त ना देकर एकल सूची शिक्षकों को कार्यालय बुला कर दी जा रही थी जो कि चर्चा का विषय बनी रही।
पैसों के लेन-देन की खबर से शिक्षक नाराज
इसके पीछे पैसे के लेनदेन की खबरें भी शिक्षकों के नाराजगी का कारण रहीं, शिक्षकों का आरोप था कि शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों ने मनमाने ढंग से अपना स्वार्थ सिद्ध करते हुए नियम विरुद्ध पदोन्नति के बाद पोस्टिंग की थी। मनमानी ऐसी कि दिव्यांग महिलाओं और अन्य शिक्षक महिलाओं को उनकी पदस्थापना से 60 से 70 किलोमीटर दूर भेज दिया गया। वहीं कई शिक्षकों को नियम के विरुद्ध पदस्थापना दे दी गई थी।
शिक्षकों ने कलेक्टर से की शिकायत
इसके बाद लगातार शिक्षकों की नाराजगी देखने को मिली और शिक्षकों ने कलेक्टर संजीव झा से मिलकर नियम विरुद्ध हुए पदोन्नति और पदस्थापना के संबंध में शिकायत की और पदोन्नति प्रक्रिया और पदस्थापना आदेश को निरस्त करने की मांग की। इसके बाद कोरबा कलेक्टर संजीव झा ने पदोन्नति और पदस्थापना आदेश की प्रक्रिया निरस्त करते हुए फिर से काउंसलिंग के माध्यम से पदोन्नति प्रक्रिया को पूर्ण करते पदस्थापना देने के आदेश जारी किए हैं।
शिक्षकों की पदस्थापना में भ्रष्टाचार
बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने नियम विरुद्ध शिक्षकों की पदस्थापना देने में भ्रष्टाचार किया और शिक्षकों को नियम विरुद्ध तरीके से पदस्थापना दी गई थी। लेकिन कोरबा कलेक्टर ने आदेश को निरस्त करते हुए फिर से काउंसलिंग कर नियमानुसार पदोन्नति और पदस्थापना दिए जाने के आदेश दिए हैं। इसके बाद शिक्षकों ने कलेक्टर को धन्यवाद दिया है।