Raipur। कोठी से अन्न लेकर बैगा के जरिए ठाकुर देव को समर्पण,खेती में पानी के महत्व की वजह से कुंए की पूजा और खेत में ट्रेक्टर चला कर माटी को पलटने के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में माटी पूजन दिवस का शुभारंभ कर दिया। मूलतः किसान परिवेश से आते मुख्यमंत्री बघेल अक्षय तृतीया पर किसान और खेत की परंपराओं से मुकम्मल वाकिफ हैं,और इसलिए ही सीएम बघेल ने खेती किसानी के नये कामों की शुरूआत के दिन के रूप में पहचाने जाने वाले दिन अक्षय तृतीया काे किसानाें को जैविक खेती की ओर बढने का संदेश देने के लिए चुना। कम समय में ज्यादा फसल की होड़ ने फसल तो ज्यादा दिला दी, लेकिन खेत की उर्वरकता खेत की उपज क्षमता पर इसका असर पड़ने लगा है। जैविक खेती जिसमें पारंपरिक खाद के रूप में गोबर समेत अन्य तत्वाें का उपयाेग छोड़ रासायनिक खाद और कीटनाशकों के ज्यादा उपयाेग ने खेत के साथ मवेशी और मानव सभी पर असर डाला है।
मुख्यमंत्री बघेल ने राजधानी स्थित इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के खेत में ठाकुरदेवता की पूजा अर्चना कर खेती-किसानी के नये कामों की शुरुआत की और प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि की कामना की,उन्होने माटी पूजन के दौरान सबसे पहले कोठी से अन्न लेकर ठाकुर देव को अर्पित किया. यहाँ परम्परागत तौर पर उन्होंने अन्न के दोने को बैगा को सौंपा. इस अन्न को ठाकुर देव के सामने रखकर अन्न पूजा की क्रिया को सम्पन्न किया गया. इस अन्न दोने से बीजहा लेकर खेत में बीजारोपण किया जाएगा। बघेल ने अक्षय तृतीया के अवसर पर खेत में हल और ट्रेक्टर चलाकर बीजों का रोपण किया। सीएम बघेल ने इस दाैरान खेती के उपयाेग में आने वाले मवेशी और जल स्त्रोत के रूप में कुंए की परंपरागत तरीके से पूजा की।
सीएम भूपेश बघेल ने इस मौके पर कहा
माटी पूजन महाभियान का लक्ष्य रासायनिक खेती की जगह जैविक खेती की पुनर्स्थापना है,गोबर से बनने वाली खाद के साथ साथ गाै मूत्र जैसे तत्वाें का उपयाेग किया जाता रहा है, इस परंपरा से खेत,खेत में उपजने वाला अनाज,मवेशी और उस अनाज का उपयोग करने वाला मानव सभी स्वस्थ्य और बेहतर होते हैं। मेरा प्रयास है कि, हम खेती के लिए उन्ही सबसे बेहतर जैविक खेती की तरफ लाैटें। गाैठान याेजना गोबर खरीदी याेजना के पीछे जैविक खेती की पुनर्स्थापना की लक्ष्य है। खेत की जमीन को किसान बड़ी मेहनत से बनाते हैं। कृषि की जमीन का ध्यान किसान अपने बच्चे की तरह रखता है, वैसे ही जैसे पैदा होने के बाद बच्चे का ध्यान रखा जाता है।यदि हम धरती माता की सेवा करेंगे तो धरती माता भी हमारा ध्यान रखेंगी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने माटी पूजन दिवस के अवसर पर जय भुइयाँ, जय छत्तीसगढ़ महतारी के नारे के साथ किसानाें को शपथ दिलायी
हमारी माटी, जिसे हम माता भुइयां कहते हैं, उसकी रक्षा करेंगे। हम अपने खेत, घरों, और बगीचों में जैविक खाद का उपयोग करेंगे। हम ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जिससे मिट्टी, जल और पर्यावरण की सेहत ख़राब हो। हम भूमि में रासायनिक और नुकसानदेह केमिकल का प्रयोग नहीं करेंगे।