Raipur. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ईडी के छापों की नीयत को लेकर फिर से सवाल उठाया है और पूरी दृढ़ता से कहा है कि, हम डरेंगे नहीं हम लड़ेंगे। सीएम बघेल ने सवाल किया है सेंट्रल एजेंसी का दुरुपयोग करके डॉ रमन सिंह जी जो ED के प्रवक्ता बने हैं, उन्हें बताना चाहिए कि उनकी 2003 से 2008 में संपत्ति क्या थी और 2018 में संपत्ति कितनी हुई।
ED के बहाने केंद्र की और BJP की नीयत पर सवाल
CM बघेल ने प्रवर्तन निदेशालय के छापों को लेकर एक बार फिर से केंद्र सरकार और भाजपा की नीयत पर सवाल उठाया। चिर परिचित आक्रामक तेवर के साथ सीएम बघेल ने कहा-
“दुष्प्रचार की कोशिशें क्यों हो रही है? जितनी केंद्रीय एजेंसियां हैं वो केंद्र सरकार के इशारे पर ग़ैर भाजपा शासित राज्यों के लोगों को ही प्रताड़ित कर रही है। इनके पार्टी में जाकर सब धुल जाता है। हेमंता के केस का क्या हुआ, पश्चिम बंगाल में क्या हुआ? जैसे ही भाजपा में गए, सब धुल गया? सेंट्रल एजेंसी आप, विपक्ष के लोगों को प्रताड़ित करने का काम कर रहे हैं। और हम कह रहे हैं जो ग़लत हैं उस पर करो न कार्रवाई। लेकिन आप सूत्रों के हवाले से बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।”
ये भी बोले बघेल
“यदि कोई एक आदमी भ्रष्ट है तो उसके ख़िलाफ़ कड़ी कार्यवाही करें हम उसके विरोध में नहीं है।उसके ख़िलाफ़ कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए। लेकिन जो ईमानदार लोग हैं, उसको गेहूं के साथ घुन की तरह क्यों पीस रहे हैं आप ?चालीस घंटे से उपर हो गए, सूची जारी नहीं किए किसके यहाँ से कितना क्या पैसा आपने पकड़ा है। बताना चाहिए।”
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नान घोटाला और चिटफ़ंड घोटाले का ज़िक्र करते हुए डॉ रमन सिंह पर तीखे सवाल किए। सीएम बघेल ने कहा-
“नान घोटाले में डायरी में नाम लिखा हुआ है।CM सर,CM मैडम। रमन सिंह के कार्यकाल में जो नान घोटाला है उसकी पहले जाँच क्यों नहीं होनी चाहिए। लेकिन तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष ( धरमलाल कौशिक ) को कोर्ट भेजे पब्लिक इंट्रेस्ट लिटिगेशन लगाए कि जाँच नहीं होनी चाहिए। पहली बार देखा कि उस में PIL लगी। बताएँ रमन सिंह इसमें कौन सा पब्लिक इंट्रेस्ट लिटिगेशन है। ये ED जाँच कर रही है न, बताए सीएम साहब कौन है क्यों नहीं बताते ? सीएम मैडम कौन है क्यों नहीं बताना चाहिए। उसमें लिखा हुआ है न नागपुर से दिल्ली तक उसकी जाँच कब करेगी ? डॉ रमन सिंह की संपत्ति 2003 से 2008 तक क्या थी और 2018 में संपत्ति कितनी हुई ? जो निर्वाचन आयोग को खुद दिए हैं उसमें इतना अंतर क्यों ? उसकी जाँच क्यों नहीं होना चाहिए। प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायत किए उसकी जाँच क्यों नहीं हो रही है ?वो तो ऑन पेपर है पनामा में उसका नाम आया है, क्यों जाँच नहीं होना चाहिये। जैसे लोकसभा चुनाव लड़ा जिस कंपनी में काम कर रहे थे उसमें पहले खूब पैसा आ रहा था।जैसे लोकसभा चुनाव हुआ डायरेक्टरशिप छोड़े पैसा आना बंद तो भैया मनी लॉंड्रिग त वहाँ हो रहा है। विदेशों से पैसा आया है। क्यों जाँच नहीं कर रहे। आप तो निष्पक्ष जाँच एजेंसी है तो जाँच क्यों नहीं होना चाहिए ?
सीएम बघेल ने डॉ रमन सिंह को लक्ष्य करते हुए याद दिलाया है कि कमीशनखोरी डॉ रमन सिंह जी आपके समय में थी, आप खुद बयान दिए हैं कि एक साल कमीशन मत लो फिर तीस साल राज करेंगे।