Raipur। हसदेव अरण्य के मसले पर स्वास्थ्य और पंचायत मंत्री टी एस सिंहदेव के विनम्र लेकिन अडिग अंदाज के साथ आंदोलनरत आदिवासियों के समर्थन देने और उनसे ये कहने कि, अगर गोली चलेगी तो पहले मुझ पर चलेगी के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि, टी एस सिंहदेव उस क्षेत्र के विधायक हैं वे यदि नहीं चाहते हैं तो पेड़ तो क्या डंगाल भी नहीं कटेगी।गोली की नौबत नहीं आएगी।
क्या कहा था मंत्री सिंहदेव ने
मंत्री टी एस सिंहदेव ने हसदेव अरण्य के आंदोलनरत आदिवासियों से कहा था कि,वे एक बने रहें, मैं आपके साथ हूँ, आप पर गोली चलने की नौबत आई तो मुझे बताना पहली गोली मुझ पर चलेगी, तब ही आप पर चलेगी।मंत्री सिंहदेव ने बिंदुवार यह भी बताया कि, कैसे आठ लाख पेड़ कटेंगे और यह भी कि, नियमानुसार ना खनन हुआ है ना ही वृक्ष लगे हैं और ना ही उत्खनन क्षेत्र को नियानुसार पाटा गया है।मंत्री सिंहदेव ने इस पर भी सवाल उठाया कि, जंगल कटेगा सरगुजा में और वृक्षारोपण होगा कोरिया में इससे सरगुजा का पर्यावरणीय नुक़सान कैसे संतुलित होगा। क्षेत्रीय विधायक टी एस सिंहदेव ने आंदोलन स्थल से आंदोलनरत लोगों से कहा कि, यह क़तई जरुरी नहीं है कि उसी जगह से कोयला निकाला जाए जहां जंगल है।उन्होंने फिर से ग्रामसभा कराने की माँग का समर्थन किया और कहा कि यह सुनिश्चित होना चाहिए कि, ग्राम सभा में केवल और केवल प्रभावित गाँव के ग्रामीण हों क्योंकि यहाँ दूसरे क्षेत्रों के लोगों को प्रभावित गाँव का बताकर परिणाम प्रभावित किये जाते हैं।मंत्री सिहदेव के पहले ज़िला पंचायत ग्रामसभा फिर से कराए जाने का प्रस्ताव पारित कर चुकी है, साथ ही ज़िला पंचायत उपाध्यक्ष आदित्येश्वर सिंहदेव पेड़ कटाई तुरंत रोकने का पत्र भी लिख चुके हैं, जिसे कलेक्टर सरगुजा ने जवाब में यह लिख दिया था कि,सीबी एक्ट के तहत अधिग्रहण हो चुका है, अब ग्रामसभा कराए जाने की आवश्यकता नहीं है।मंत्री सिंहदेव ने इस पर भी नाराज़गी जताई थी।
क्या बोले मुख्यमंत्री बघेल
हरियाणा से रायपुर के मेफेयर में लाकर रखे गए विधायकों से मिलने पहुँचे सीएम बघेल से पत्रकारों ने मंत्री सिंहदेव के इस मसले पर अपनाई गई भूमिका पर सवाल किया तो सीएम बघेल ने कहा
“अभी जिस तरह से बाबा साहब का बयान आया है, पहली गोली लगेगी तो मुझे लगेगी, गोली लगने की नौबत नहीं आएगी, पहले गोली उस पे चल जाएगी जो चलाने वाले हैं उसपे,बाबा साहब उस क्षेत्र के विधायक हैं, वो नहीं चाहते तो पेड़ क्या एक डंगाल नहीं कटेगा।मैं फिर से रिपीट कर देता हूँ,यदि टी एस सिंहदेव क्षेत्रीय विधायक और वरिष्ठ मंत्री हैं, यदि वे नहीं चाहते जब तक उनकी सहमति नहीं बनेगी पेड़ क्या डंगाल नहीं कटेगी।”
आलोक शुक्ला ने पूछा -उत्खनन की अनुमति क्यों नहीं निरस्त कर देते
सीएम बघेल के इस बयान पर आंदोलन कारियों की ओर से छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के आलोक शुक्ला ने सवाल किया है कि, मुख्यमंत्री जी इस उत्खनन की अनुमति क्यों नहीं निरस्त कर देते हैं। आलोक शुक्ला ने द सूत्र से कहा
खुद भूपेश बघेल विपक्ष में रहते हुए इस आंदोलन के साथी रहे हैं, सत्ता में आने के बाद लगता है भूलन कांदा पर उनका पाँव पड़ गया। उन्हें दस बरसों से चल रहा आंदोलन भूल गया। बीते 95 दिनों से गर्मी बरसात ठंड में चल रहा आंदोलन भूल गया। उन्हें याद नहीं आ रहा कि ग्रामीण सैकड़ों मील पैदल चल कर फ़र्ज़ी ग्रामसभा की शिकायत लेकर राज्यपाल से मिले, मुख्यमंत्री जी को शायद ये भी याद नहीं कि, ये ग्रामीण उनसे भी इसी मसले पर कार्यवाही की माँग को लेकर मिले। फिर भी यदि उन्हें मंत्री सिंहदेव जी की गंभीर बात याद रह गई है तो फिर खनन की अनुमति ही निरस्त क्यों नहीं कर देते।