CM बघेल बोले- सही है आँकड़ा, राज्य में बेरोज़गारी दर कम, BJP ने पूछा - बेरोज़गार कौन कहलाएगा,पहले परिभाषा तो बता दे सरकार

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Yagyawalkya Mishra
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CM बघेल बोले- सही है आँकड़ा, राज्य में बेरोज़गारी दर कम, BJP ने पूछा - बेरोज़गार कौन कहलाएगा,पहले परिभाषा तो बता दे सरकार

Raipur।राज्य में बेरोज़गारी के आँकड़ों के सही ग़लत होने  को लेकर चल रहे वाद विवाद के बीच बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता विधायक अजय चंद्राकर ने विधानसभा सत्र में दिए सरकार के जवाब के हवाले से यह पूछा है कि, सरकार पहले यह तो बता दें कि, राज्य में बेरोज़गार की परिभाषा क्या है। अजय चंद्राकर ने यह सवाल तब किया है जबकि मुख्यमंत्री बघेल ने प्रस्तुत बेरोजगारी आँकड़े .4 प्रतिशत होने को सही बताया है।



क्या है मसला

 विधानसभा में 21 जुलाई 2022 को सरकार ने  पंजीकृत बेरोज़गार और दिए जा रहे बेरोज़गारी भत्ता को लेकर किए गए दो प्रश्नों के लिखित जवाब में कहा था




1 - विभाग द्वारा बेरोज़गारों का पंजीयन नहीं किया जाता, बल्कि रोज़गार चाहने वालों का पंजीकरण किया जाता है।इसमें वे लोग भी शामिल होते हैं, जो बेरोज़गार नहीं है, परंतु अपना रोज़गार बदलना चाहते हैं। अतः पंजीकृत बेरोज़गारों की संख्या बताया जाना संभव नहीं है।



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2 - छत्तीसगढ़ सरकार ने पृथक से रोज़गार को परिभाषित नहीं किया गया है, सीएमआईई के अनुसार उस व्यक्ति को बेरोज़गार माना जाता है जो किसी आर्थिक गतिविधि में संयोजित न हो और जो रोज़गार चाहता है।



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3 - ऐसे किसी भी संयोजन को जिससे व्यक्ति को आय हो, उसे रोज़गार माना जा सकता है।



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 इसके ठीक एक दिन पहले 20 जुलाई राज्य सरकार से सवाल हुआ कि, 1 जनवरी 2019 से 26 जून 2022 तक वित्त विभाग ने कितने पदों पर भर्ती की सहमति/अनुमति दी,और कितने पदों की भर्ती हो गई ?

  विधानसभा में यह प्रश्न बृजमोहन अग्रवाल का था, और इसका लिखित जवाब सामान्य प्रशासन ने दिया। सामान्य प्रशासन के भारसाधक मंत्री खुद सीएम भूपेश बघेल हैं। लिखित जवाब की जगह पर दर्ज है -




“प्रश्नांक की जानकारी एकत्रित की जा रही है”



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  विधानसभा में सवाल इसलिए उठा क्योंकि सरकार से विपक्ष जानना चाहता था कि, बेरोज़गारी भत्ते का क्या हुआ।सवाल यह भी था कि, राज्य सरकार के होर्डिंग कहीं पर तीन लाख तो कहीं पर पाँच लाख रोज़गार के दावे कर रहे थे।पर सरकार के जवाब ने नए प्रश्न खड़े कर दिए थे।



हालिया दिनों क्या हुआ




  विधानसभा में सरकार के जवाब से विपक्ष को चौतरफ़ा हमले का मौक़ा मिला और उसने किए भी। लेकिन मसला फिर उठ गया जबकि 1 सितंबर को सीएम बघेल ने सोशल मीडिया पर यह दावा किया कि, अगस्त 2022 में छत्तीसगढ़ की बेरोज़गारी दर 0.4 फ़ीसदी है।मुख्यमंत्री बघेल ने इस चकित करने वाले आँकड़े के स्त्रोत के रुप में अनएंप्लॉयमेंट इंडिया डॉट सीएमईआई डॉट कॉम (https://unemploymentindia.cmie.com) का उल्लेख किया।

  बेरोज़गारी के इस आँकड़े को लेकर विपक्ष ने ना केवल सवाल उठाया बल्कि जिस एजेंसी के ज़रिए यह आँकड़ा आया उसे लेकर भी सवाल खड़े कर दिए।



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 CM बघेल ने कहा

 इस मसले पर लगातार आरोप और सवालों का ज़िक्र करते हुए मुख्यमंत्री बघेल से बेरोज़गारी दर के इस आँकड़े को लेकर सवाल हुआ तो सीएम बघेल ने बीजेपी से प्रतिप्रश्न किया कि, केंद्र सरकार आँकड़े क्यों नहीं जारी करती, वे जारी नहीं कर रहे और दूसरे आँकड़े जारी कर रहे हैं उसे ग़लत बताया जाए यह क्यों ? सीएम बघेल ने कहा




“बेरोज़गारी दर सबसे कम है..भारत सरकार जितने भी इस प्रकार के सर्वे होते थे..आँकड़े निकलते थे.. देश में महंगाई के बारे में..बेरोज़गारी के बारे में आँकड़े आते थे सब को बंद कर दिया..देश को जानकारी ही नहीं है..अब जो आँकड़े आ रहे हैं उसको ग़लत बताने में लगे हुए हैं।आप क्यूं जारी नहीं करते ? आप जारी करो कौन रोका है ?आपने बंद क्यों किया ताकि देश की जनता को पता मत चले,और दूसरे जो आँकड़े जारी करे उसे ग़लत बताओ”



क्या कहा अजय चंद्राकर ने

  जबकि सीएम बघेल ने भाजपा शासित केंद्र सरकार पर सर्वे बंद करने का आरोप लगाया, और प्रदेश में बेरोज़गारी दर को सबसे कम होने का दावा दोहराया तब बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता और विधायक अजय चंद्राकर ने सवाल किया कि प्रदेश सरकार किसे बेरोज़गार मानती है पहले यह तो बता दे।MLA चंद्राकर ने कहा कि, थोड़े पैसे और खर्च करने होंगे ज़ीरो परसेंट बेरोज़गारी वाला राज्य एजेंसी बता देगी।विधायक और बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता चंद्राकर ने कहा




“मुख्यमंत्री जी का जो बयान है वो बड़ा हास्यास्पद है.. वो तो बेरोज़गारों का ही पंजीयन नहीं करते.. वो तो रोज़गार चाहने वालों का पंजीयन करते हैं,तो वो बेरोज़गारी दर किस आधार पर किस संस्था के ज़रिए निकलवाते हैं।वो जो संस्था हर महीने के हिसाब से रेटिंग जारी करती है, अभी .4 परसेंट है हो सकता है अभी मुख्यमंत्री चाहेंगे तो ज़ीरो परसेंट हो जाएगा..और दुनिया का पहला राज्य बन जाएगा..जो ज़ीरो परसेंट बेरोज़गारी वाला प्रांत होगा..थोड़े से पैसे खर्च करने पड़ेंगे और ज़्यादा तो वो मुंबई वाली संस्था बना देगी..




 विधायक अजय चंद्राकर ने आगे कहा




“भारत सरकार के आँकड़े जो मुख्यमंत्री जी को चाहिए..नीति आयोग के पन्नों को उलट लें..उसको हर तरह से.. राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो का पढ़ लें, जितनी राष्ट्रीय संस्थाएँ उसके पेज में वो जाएँ ..वो सब चीज़ मिल जाएगा।”


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