याज्ञवल्क्य मिश्रा, Raipur. केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार के बीच वाद-विवाद बढ़ता जा रहा है। बीते कुछ दिनों से छ्त्तीसगढ़ के अफसरों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापे पड़ रहे हैं। इसको लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के तमाम बयान भी सामने आए हैं। इस बीच सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने 18 अक्टूबर को शीर्ष कोर्ट को बताया था कि मुख्यमंत्री बघेल से एक जज की मुलाकात हुई और उसके बाद अनिल टुटेजा को जमानत मिली। अब बघेल ने ट्वीट कर इस पर नाराजगी जताई है। बघेल ने इसे राजनीतिक उद्देश्यों से झूठे और शरारतपूर्ण आरोप करार दिया है। बघेल का ट्वीट तब आया है, जब वे दिल्ली में हैं।
क्या है मसला
शीर्ष अदालत में नान मसले पर ईडी की याचिका में सुनवाई चल रही है। यह बीते 18 अक्टूबर मंगलवार को हुई और उसके बाद 20 अक्टूबर को हुई। बुधवार को इस मसले पर बहस नहीं हो पाई और मामला नवंबर के दूसरे हफ्ते के लिए टल गया। 18 अक्टूबर को सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने चीफ जस्टिस यू यू ललित जस्टिस रविंद्र भट्ट और जस्टिस अजय रस्तोगी को बहस के दौरान कहा कि “नान मामले की जांच के लिए गठित SIT मुख्य आरोपी के संपर्क में थी। ना केवल संपर्क में थी बल्कि SIT की जांच रिपोर्ट को मुख्य आरोपी ने खुद जांच कर अनुमोदित किया था। SIT ने कम से कम 7 बार कार्यवाही को प्रभावित करने के असफल प्रयास किए। राज्य सरकार के अधिकारियों और आरोपी की मिलीभगत ने पूरा केस कमजोर कर दिया है।”
बहस के दौरान सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को सौंपे व्हाट्सएप चैट का ज़िक्र करते हुए कहा “मुख्य आरोपी सह आरोपी को यह बता रहा है कि, एजी को आवश्यक निर्देश दे दिए गए हैं। फिर वे आपस में बधाइयों का आदान-प्रदान करते हैं।”
इसी दौरान सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा
“मामले का जवाब देने के पहले आरोपी से साझा किया गया। जमानत से दो दिन पहले जज ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की। अगर ये बात नहीं चौंकाती तो फिर मुझे नहीं पता कि ये क्या है। इस मामले में मुख्यमंत्री और जज के बीच कोई हस्ताक्षरित समझौता नहीं हुआ होगा, और सब कुछ रिकॉर्ड नहीं किया जा सकता।
क्या लिखा है मुख्यमंत्री बघेल ने
सीएम बघेल ने मंगलवार को बहस के दौरान सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता के भारत के मुख्य न्यायाधीश और उनकी बेंच को कही गई बात पर चार दिन बाद प्रतिक्रिया दी है। मुख्यमंत्री बघेल ने इसे छवि खराब करने और न्याय पालिका को दबाव में लाने का षड्यंत्र करार देते हुए ट्वीट किया।
सीएम ने तीखे तेवर के साथ लिखा-
“यह अत्यंत दुर्भाग्यजनक है कि सॉलीसिटर जनरल जैसे सर्वोच्च संवैधानिक पदों पर बैठा व्यक्ति राजनीतिक उद्देश्यों से झूठे और शरारत पूर्ण आरोप लगा रहा है। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैंने कभी किसी जज से मिलकर किसी भी अभियुक्त के लिए किसी भी प्रकार का फेवर करने का अनुरोध नहीं किया। यह मेरी राजनीतिक छवि खराब करने और न्याय पालिका को दबाव में लाने का षड्यंत्र है जिसका समुचित प्रतिकार किया जाएगा।”