Raipur.छत्तीसगढ़ नान घोटाला मामले में आख़िरकार शीर्ष अदालत ने ईडी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि, इस गंभीर मसले में विस्तार से सुनवाई करेंगे। सुप्रीम कोर्ट
ने कहा
“26 सितंबर को तीन बजे हम इस मामले की विस्तार से सुनवाई करेंगे”
क्या हुआ सुप्रीम कोर्ट में
बहुप्रतिक्षित नान घोटाले में ईडी की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय में चीफ़ जस्टिस उदय उमेश ललित की अध्यक्षता वाली बेंच ने इसकी सुनवाई की। यह सुनवाई क़रीब 45 मिनट चली। सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा
“आरोपी संवैधानिक पदाधिकारियों के माध्यम से छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के संपर्क में थे।व्हाट्सएप चैट ने आरोपी अधिकारियों और संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के बीच मिलीभगत को प्रमाणित किया है।”
सॉलीसिटर जनरल ने कहा
“क्या हम यह कह दें कि, आरोपी के साथ मिलकर उसे संरक्षण देने वाला संवैधानिक पदाधिकारी और उसके संपर्क में रहने वाला व्यक्ति हाईकोर्ट का जस्टिस है।”
इस मामले में हस्तक्षेपकर्ता की ओर से प्रस्तुत अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा
“मुक़दमे का स्थानांतरण होना चाहिए, और जाँच की निगरानी सीधे सुप्रीम कोर्ट द्वारा करनी चाहिए।”
सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ और इससे संबंधित पक्षों को सीलबंद लिफ़ाफ़े में रिपोर्ट और संबंधित सामग्री पेश करने के निर्देश दिए और कहा
“हम इस मामले की विस्तार से सुनवाई 26 सितंबर को दोपहर तीन बजे करेंगे”
क्या है नान घोटाला
नान घोटाला सार्वजनिक वितरण प्रणाली से जुड़ा मसला है जिसमें कथित रुप से करोड़ों का घोटाला हुआ। EOW ने 12 फ़रवरी 2015 में छापामार कार्यवाही कर करोड़ों रुपए बरामद किए थे। इस मामले में नान के अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। तब यह बताया गया था कि,करोड़ों का भ्रष्टाचार घटिया क्वालिटी के चावल चना नमक के एवज़ में किया गया।
इस मामले में ईडी ने भी मामला दर्ज किया है,ईडी सुप्रीम कोर्ट में नान मामले में आरोपी अनिल टूटेजा और आलोक शुक्ला के खिलाफ गई है। ईडी ने इंकम टैक्स के छापे के दौरान बरामद व्हाट्सएप चैट पेश किया है, जिसके आधार पर ईडी ने नान केस की सुनवाई छत्तीसगढ़ से बाहर करने और अनिल टूटेजा तथा आलोक शुक्ला को हाईकोर्ट से मिली अग्रिम ज़मानत ख़ारिज करने की माँग रखी है। ईडी की याचिका में सत्ता प्रतिष्ठान और उनसे जुड़े क़रीबियों पर बेहद गंभीर आरोप हैं।