Raipur. प्रदेश की सियासत में हलचल मचाने वाले नान घाेटाले में अब से कुछ देर बाद ठीक तीन बजे सुप्रीम कोर्ट प्रवर्तन निदेशालय याने ईडी की याचिका पर सुनवाई करेगी। चीफ जस्टिस ललित की अध्यक्षता वाली बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी। इस सुनवाई पर सबकी नजरें टिकी हैं, क्याेंकि इस मामले से जो नाम जुडे हैं उन्हे सत्ता प्रतिष्ठान याने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बेहद करीबी और इस कांग्रेस सरकार में बेहद प्रभावशाली माना जाता है। जिन दो अधिकारियाें को केंद्र में लाकर ईडी की याचिका सुप्रीम काेर्ट में है उनमें एक अनिल टूटेजा हैं जबकि दूसरे आलोक शुक्ला हैं। ईडी की याचिका पर पिछली बार सुनवाई हुई थी, जिसमें सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सीधे हाईकोर्ट में पदस्थ जस्टिस का जिक्र किया था और कहा था कि, यह मामला बेहद संवेदनशील है क्याेंकि इसमें आरोपियाें को बचाने वाले बेहद प्रभावशाली और संवैधानिक पदों पर बैठे लोग हैं। ईडी ने जो याचिका प्रस्तुत की है उसमें आयकर विभाग के छापों से मिले डिजीटल अभिलेख हैं जो कि, शीर्ष अदालत को साैंपे जा चुके हैं।
शीर्ष अदालत के रूख पर टिकी नजरें
कुछ ही देर में जबकि इस मामले में सुनवाई होगी, इस सुनवाई पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। यह मसला यूं तो कानूनी है लेकिन इसमें राजनैतिक पृषठभुमि वाले लोगाें की भी भरपूर दिलचस्पी है, जिसमें ना केवल बीजेपी बल्कि कांग्रेस के लोग भी शामिल हैं। पिछली सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने स्पष्ट रूप से कहा था कि, इस मसले में ईडी सुनवाई का लंबे अरसे से इंतजार कर रही है। ईडी की ओर से पेश याचिका में अनिल टूटेजा और आलोक शुक्ला की जमानत याचिका को खारिज करना और डिजीटल साक्ष्याें के आधार पर उच्च स्तरीय जांच की मांग है, जिसे सीबीआई से जोड कर देखा जाता है। इस मामले में शीर्ष अदालत की सुनवाई के दाैरान होने वाली बहस पर भी सबकी नजरें टिकी हैं।