मुँह,हाथ पाँव बांध जैकेट में बंद कर जंगल में फेंका,फिर भी ज़िंदा बचा मासूम

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Yagyawalkya Mishra
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मुँह,हाथ पाँव बांध जैकेट में बंद कर जंगल में फेंका,फिर भी ज़िंदा बचा मासूम

Koria। ज़िले के ग्रामीण इलाक़े खड़गंवा में सोलह वर्षीय किशोर ने डेढ़ बरस के बच्चे को अगवा कर मुंह में कपड़ा ठूँस कर हाथ पाँव को सेलो टेप से कई बार बांध जैकेट में पैक कर जंगल में छोड़ दिया, किशोर बच्चे के परिजनों से  फिरौती वसूलना चाहता था। आरोपी किशोर ने अपने ही मामा के बेटे के साथ यह ख़ौफ़नाक वारदात की। पुलिस की सजगता से बच्चे को केवल तीन घंटे के भीतर बरामद कर लिया गया। वैसे यह उस अबोध बच्चे की क़िस्मत का भी मसला है क्योंकि जिस हालत में वह था, उसमें कुछ घंटो में उसका दम घुट जाता और यदि ऐसा नहीं भी होता तो जंगली जानवरों की लगातार मौजूदगी वाले जंगल में वह शिकार भी बन सकता था।





  यूँ किया वारदात

खड़गंवा इलाक़े में गाँव है मंझौली। यहाँ वंश कुमार अपनी पत्नी और डेढ़ बरस के बच्चे के साथ रहता है। रात को लाइट गोल हुई तो वंश कुमार पत्नी के साथ बाहर निकले, पोल से तार छूट गया था, वंश ने उसे जोड़ा और फिर वापस आ गए। लेकिन कुछ देर बाद फिर से लाइट चली गई,पति पत्नी ने फिर पोल से तार जोड़ा और जब वापस आए तो बच्चा ग़ायब था। वंश कुमार ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।

   खड़गंवा पुलिस को वंश के भांजे पर शक हुआ जो घटना के पहले दिन में तीन बार आया था, भांजे के घर पुलिस पहुँची तो पता चला कि वह घर लौटा ही नहीं है। पुलिस ने उसकी तलाश शुरु की तो वह जंगल से आते दिखा। पूछताछ में उसने बताया कि बच्चे को वह उठा ले गया है और जंगल छोड़ आया है।आरोपी किशोर ने बताया कि, वह मामा के साथ मज़दूरी करने गया था, और उसे बकाया सौ रुपए की मज़दूरी मामा ने नहीं दी थी। जबकि वह बकाया लेने तीन बार गया था, उसने बच्चे को ही अगवा किया ताकि सौ रुपए की जगह बड़ी रक़म बतौर फिरौती वसूल कर सके।रात के समय लाइट भी गोल उसी ने किया था ताकि बच्चे को छोड़ पति पत्नी बाहर निकल जाएँ।





जाके राखे साइँया मार सके ना कोए

   महज़ डेढ़ बरस की उम्र में मासूम जिस मुसीबत में फँसा था, उसे केवल ईश्वर ने बचाया। पुलिस ने जब बच्चे को बरामद किया तो उसके मुंह में कपड़ा ठूँसा हुआ था, हाथ पाँव सेलों टेप से बेहद मज़बूती से बंधे थे, और उसे जैकेट में पैक कर के उस घने जंगल में रखा गया था जहां हिंसक जानवरों की बेहद ज़्यादा तादाद है।मासूम को सुरक्षित देख सभी ने राहत की साँस ली और चमत्कृत भी रह गए।





किशोर को संप्रेक्षण गृह भेजा गया

   अबोध ममेरे भाई की जान जोखिम में डालने वाला आरोपी किशोर कक्षा ग्यारहवीं का छात्र है। ऐसा लगता है कि वह क्राईम आधारित सीरियलों को देख इस हरकत को कर गया। बहरहाल उसे किशोर संप्रेक्षण गृह भेज दिया गया है।


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