Raipur। राम गाय और गोबर के बाद सीएम बघेल ने कृष्ण और गौ मूत्र को लेकर भी कवायद शुरू कर दी है। राम गाय और गोबर के मुद्दे को लेकर सियासी तानेबाने में यह लिखा पढ़ा और बोला जाता रहा हो कि, यह बीजेपी का कॉपीराईट कार्ड है, इस मानस के पीछे कांग्रेस का राष्ट्रीय परिदृश्य पर इस मुद्दे से कतराना भी एक अहम वजह रही है, लेकिन कांग्रेस शासित इस प्रदेश में सीएम बघेल ने कम से कम छत्तीसगढ़ में तो इस मिथक को तोड़ने की कवायद कर रहे हैं। राम से छत्तीसगढ़ का मामा भांजे का रिश्ता तो गाय और गोबर के जरिए पशु धन और खेती को जैविक खाद से जोड़ने के बाद अब सीएम बघेल ने गौ मूत्र और कृष्ण को लेकर भी बाजरिया याेजनाओं के भाजपा के इस प्रिय विषय पर भी मौन करने की कवायद शुरू कर दी है।
राम गाय गोबर पर सीएम बघेल का सधा अंदाज
प्रदेश में सीएम बघेल पहले ही राम वन गमन मार्ग को विकसित कर उसे पर्यटन केंद्र की तरह बनाने की तैयारी कर रहे हैं, जैसी मान्यता है कि, राम की मां कौशल्या छत्तीसगढ़ की थीं, तो चंद्रखुरी में माता कौशल्या के मंदिर को वृहद स्वरूप देने की याेजना पर काम शुरू हो चुका है, माता शबरी जिन्होने श्री राम को जूठे बेर खिलाए थे,उनके स्थान के रूप में शिवरी नारायण माना जाता है,यहां पर भी मंदिर को चंद्रखुरी की तर्ज पर भव्य रूप देने की कवायद भूपेश सरकार कर रही है।बीजेपी राम के सबसे प्रिय मुद्दे को सीएम बघेल द्वारा आत्मसात करते देखने के अलावा कुछ नही कर पाई,बिलकुल यही अंदाज गाय और गोबर में हुआ। सियासत में बेहद पगे और राजनीति के श्वेत श्याम हथकंडों मे अब तक निष्णात तरीके से आगे बढ़ते सीएम बघेल ने जब गौठान याेजना को आगे किया तो बीजेपी को समझने में वक्त लग गया कि, कैसे गाय और गाेबर के मसले को हमेशा उसके साथ जोड़ने की परंपरागत दृष्टि बदल जाएगी,सीएम बघेल ने गाय को कृषि के पशु धन के सम्मान और गोबर को जैविक खेती से जोड़ दिया,और दोनों का केंद्र गौठान को बना दिया। राम पर जवाब की तलाश में भटकती बीजेपी को गाय और गोबर पर भूपेश बघेल ने मानाें चुनौती दे दी कि, लीजिए अब इसकी काट लाईए। सीएम हाउस के रजिस्टर में दर्ज है कि, गाय और गोबर के मुद्दे पर संघ से सीधे संबंध रखने वालों जिनमें तत्कालीन संघ के पदाधिकारी भी थे,वे सीएम हाउस पहुंचे और सीएम बघेल की तारीफ कर गए।
अब गौ मूत्र और कन्हैया पर भी तैयारी
अक्षय तृतीया के मौके पर माटी पूजन दिवस के जरिए किसान को जैविक खेती से जोड़ने की कवायद जब परंपरागत तरीके से सीएम बघेल ने की उसी वक्त उन्होने गौ मूत्र को लेकर भी संकेत दिए थे कि, राज्य सरकार उस पर भी काम कर रही है। सरकार दरअसल गौ मूत्र को लेकर पूरी रणनीति बना रही है,इसमें संग्रहण से लेकर पैकेजिंग और मार्केटिंग सब कुछ शामिल है। याने भूपेश बघेल सरकार गौ मूत्र को प्रोडक्ट की तरह लाएगी और उसकी ब्राडिंग करेगी,यह कैसे हो किस तरह से सफलतम तरीके से हो सकता है इसके लिए एक समिति बना दी गई है,जो जल्द अपनी रिपोर्ट देगी। जाहिर है इससे सीएम बघेल एक बार फिर गाय के मुद्दे को बीजेपी से कुशलता से छिन ले जाएंगे। मसला यहीं नही है अब एक और याेजना पर काम चल रहा है जिसे कृष्ण जन्माष्ठमी पर काम शुरू होगा। यह है कृष्ण कुंज याेजना। इस याेजना में प्रदेश के सभी नगरीय निकायाें में जीवनाेपयोगी वृक्षाें का रोपण होगा।इसके लिए न्यूनतम एक एकड़ की जमीन ली जाएगी,इसमें बरगद,पीपल,नीम,कदंब समेत सांस्कृतिक महत्व वृक्ष लगाए जाएंगे। जन्माष्टमी पर पूरे प्रदेश में इस कृष्ण कुंज में इन पाैधाें का रोपण होगा और इसकी साज संवार देख रेख होगी। यह जो जमीन दी जाएगी यह कलेक्टर वन विभाग को देंगे।
सियासी दांव में क्यूं उलझ रही है बीजेपी
बीजेपी के पास मुश्किल यह है कि, पंद्रह बरस के सुदीर्घ शासन में वो राम गाय गोबर गौ मूत्र पर कुछ कर पाई हो यह बताने लायक स्थिति हीउसके पास नही है। पंद्रह बरस के शासनकाल में बिलाशक बीजेपी सरकार ने अधाेसंरचना से लगायत हर दिशा में काम किया लेकिन वो मुद्दे जिन्हे मसला बना कर बीजेपी चुनावी रणभुमि में कूद पड़ती थी,इन मुद्दाें पर कांग्रेस को प्रश्नांकित कर घेरती थी, खुद उसने कुछ किया ही नही।शायद यह रणनीति थी कि, कुछ मुद्दे इस तरह के होने चाहिए जिन पर भावनात्मक प्रभाव के जरिए वोट हासिल किया जाए या फिर कम से कम विपक्ष के वाेट काटे जाएं।
सीएम बघेल का अंदाजे बयां
छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने इस मुद्दे को बीजेपी से बिलाशक छिन लिया है और जो कर रहे हैं उसके अंदाज ने सीएम बघेल के प्रति भावनात्मक समर्थन भी हासिल किया है,वह अंदाज क्या है उसकी बानगी सीएम बघेल खैरागढ़ में द सूत्र से की गई चर्चा में मिलती है। सीएम बघेल ने कहा
राम हमारे संस्कृति हमारे इतिहास हमारे परिवार का हिस्सा हैं वे भांजे हैं छत्तीसगढ़ के,जिन्हे वाेट का मुद्दा लगता हो वो सियासत करें हम तो भांजे का सम्मान स्वागत सब करेंगे, राम हमारे घर के हैं, गाय पशु धन है जिससे छत्तीसगढ़ का किसान अन्न उगाता है,गाय का गोबर सर्वाेत्तम खाद है,मैं खुद किसान हूं,मुझसे या हम किसानाें से बेहतर गाय गाेबर और गौ मूत्र का महत्व कौन समझेगा, हम उसकी भी संवार और देखरेख कर रहे हैं,और करते रहेंगे।