RAIPUR. प्रवर्तन निदेशालय ने कोयला घोटाला मामले में गिरफ्तार IAS समीर बिश्नोई, कोयला व्यवसायी सुनील अग्रवाल और मामले के किंगपिन सूर्यकांत तिवारी के नजदीकी रिश्तेदार लक्ष्मीकान्त तिवारी को कोर्ट में पेश किया। अदालत ने तीनों को आगामी 10 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में केंद्रीय कारागार भेज दिया है।
14 दिनों तक ED ने की पूछताछ
IAS समीर बिश्नोई समेत तीनों को प्रवर्तन निदेशालय ने पहले 6 दिन और फिर 8 दिनों की रिमांड पर रखा। 14 दिनों की पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने रिमांड अवधि को बढ़ाने की मांग नहीं की।
कोर्ट को लिखित प्रगति प्रतिवेदन सौंपा
प्रवर्तन निदेशालय ने ADJ अजय सिंह राजपूत के निर्देशों के अनुरूप उन्हें गोपनीयता के मद्देनजर लिखित प्रतिवेदन सौंपा। इस प्रतिवेदन में ये उल्लेखित था कि ED ने उपरोक्त तीनों अभियुक्तों को लेकर केंद्रित जांच जो कि रिमांड अवधि में थी उस दौरान क्या प्रगति की है। कोर्ट ने लिखित प्रतिवेदन पढ़ने के बाद उसे प्रवर्तन निदेशालय को वापस कर दिया।
सुनील अग्रवाल की ओर से पेश आवेदन वापस लिया गया
तीनों अभियुक्तों में से एक सुनील अग्रवाल की ओर से आवेदन कोर्ट में पेश हुआ था जिसमें व्यवसाय को सुचारू रूप से चलाने के लिए उन्होंने पत्नी को पावर एटर्नी बनाने का आवेदन दिया। जिस पर ED ने आवेदन में उल्लेखित कुछ बिंदुओं को लेकर आपत्ति की। इसके बाद वो आवेदन वापस हो गया। आपत्ति वाले बिंदुओं को हटाए जाने के बाद वो आवेदन फिर से पेश हो सकता है।
जरूरत पड़ी तो फिर रिमांड मांग सकती है ईडी
प्रवर्तन निदेशालय की ओर से कोर्ट में पेश अधिवक्ता बृजेश मिश्रा ने बेहद संक्षिप्त जो जानकारी प्रेस को दी है, उसके अनुसार ED के पास बहुत सारे अभिलेख हैं, बहुत से साक्ष्य हैं। यदि आगे पूछताछ की आवश्यकता पड़ती है तो न्यायालय के संज्ञान में यह अर्हता लाई जाएगी।