Raipur. दीपावली कल है, और सरकारी कर्मचारियों के लिए यह कल की तारीख़ परेशानी का सबब हो गई है, क्योंकि इन्हें वेतन मिलने की तारीख़ है 28।सामान्य रुप से वेतन पर आश्रित परिवार के लिए आख़िरी हफ़्ते परेशानी भरे होते हैं और जब इसी आख़िरी हफ़्ते दीवाली का त्यौहार हो जाए तो परेशानी का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।प्रदेश के नियमित और अनियमित कर्मचारियों को मिला दें तो इनकी संख्या क़रीब पाँच लाख जाती है।इन सभी को वेतन ऑनलाइन ही भेजा जाता है। इस बार भी प्रक्रिया वही होगी लेकिन तब तक दीपावली बीत जाएगी।कर्मचारियों की माँग है कि सरकार आदेश कर दें ताकि यह समस्या दूर हो जाए, लेकिन पंक्तियों के लिखे जाने तक सरकार की ओर से इस मसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं है।BJP ने आरोप लगाया है कि, सरकार को अधिकारी कर्मचारी वर्ग की परवाह नहीं है।
क्या कह रहे हैं कर्मचारी संगठन
कर्मचारियों की आस तब बढ़ी जबकि ऐसी स्थिति को देखते हुए कई राज्यों ने एडवांस में याने समय पूर्व वेतन जारी कर दिया।छत्तीसगढ़ में अधिकारी फेडरेशन के कमल वर्मा ने कहा
“आख़री हफ़्ते दीपावली के आने से कर्मचारियों को परेशानी तो बढ़ी है। वेतन की सारी प्रक्रिया ऑनलाइन है।हम लगातार सरकार से आग्रह कर रहे हैं कि, वह वेतन देने का आदेश कर दे, कई राज्यों में ऐसा अभी किया गया है।”
राज्य सरकार की ओर से फ़िलहाल खामोशी
राज्य सरकार की ओर से फ़िलहाल इस मसले पर खामोशी है। छत्तीसगढ़ में बीते सालों में एक बार और ऐसा मौक़ा आया था जबकि दीपावली आख़िरी हफ़्ते पड़ी थी। तब के बारे में कर्मचारी नेताओं का दावा है कि, वेतन त्यौहार के पहले दे दिया गया था। लेकिन अब तक जबकि यह खबर लिखी जा रही है, सरकार की ओर से ऐसे कोई संकेत नहीं है कि, वेतन अग्रिम याने नियत तिथि के पहले जारी कर दिया जाए।
BJP का आरोप- सरकार को परवाह नही
भाजपा ने इस मसले को लेकर सरकार पर आरोप लगाया है कि, उसे कर्मचारियों की कोई परवाह नहीं है।बीजेपी प्रवक्ता केदार कश्यप ने कहा है
“सरकार को कोई परवाह नहीं है कि आख़िर बिना वेतन कर्मचारी अधिकारी दीवाली का त्यौहार कैसे मनाएँगे।डीए को देने की घोषणा की गई है पर उसे अभी दिया नहीं गया है। त्यौहार को देखते हुए वेतन पहले दे दिया जाता तो परेशानी नहीं होती, कर्मचारी अमला मायूस है।”