RAIPUR. प्रवर्तन निदेशालय यह मानती है कि कोयला घोटाला मामले में गिरफ्तार IAS समीर बिश्नोई कोयला घोटाला के किंगपिन सूर्यकांत तिवारी के साथ इस अवैध कारोबार में शामिल थे और टेंडर तथा GST से संबंधित ब्यौरे भी समीर बिश्नोई ने सूर्यकांत तिवारी के साथ शेयर करते रहे थे। ईडी ने IAS समीर बिश्नोई की दोबारा रिमांड लेते वक्त कोर्ट को जो जानकारी दी है उसके अनुसार समीर बिश्नोई ने ये माना है कि माइनिंग डायरेक्टर रहते हुए उन्होंने 15 जुलाई 2020 को कोयला परिवहन के लिए नोटिफिकेशन जारी किया लेकिन उसके लिए कोई अनुमोदन नहीं लिया गया। ये वही नोटिफिकेशन था जिसके बाद कोयला घोटाला संभव हो पाया।
ED ने कोर्ट से क्या कहा
प्रवर्तन निदेशालय ने रिमांड आवेदन पत्र में दावा किया है कि CHIPS के कार्यालय से सर्च में अपराध को साबित करने वाले अभिलेख मिले हैं। इनमें 100 करोड़ के करीब का लेनदेन शामिल है। इनसे संबंधित चेक पर समीर बिश्नोई के हस्ताक्षर हैं लेकिन इन चेकों को जारी करने के पहले किसी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। इसके लिए कोई अनुमोदन भी नहीं लिया गया। समीर बिश्नोई ने HDFC बैंक में बड़ी रकम जमा की लेकिन इस रकम का स्त्रोत वे नहीं बता पा रहे हैं। IAS समीर बिश्नोई ने कथित रूप से ईडी को ये कहा है कि विभिन्न प्राइवेट पार्टी यानी निजी समूह/व्यक्तियों के साथ बड़ी मात्रा में जो लेनदेन हुआ उसके बारे में उन्हें ( समीर बिश्नोई ) को कोई जानकारी नहीं है बल्कि सारे लेनदेन की जानकारी उनकी पत्नी प्रीति बिश्नोई दे सकती हैं। समीर बिश्नोई जानते थे कि सूर्यकांत तिवारी कोयला परिवहन के व्यापार में शामिल हैं और राजनीति में सक्रिय दखल रखता है। ईडी ने कोर्ट से IAS समीर बिश्नोई की अतिरिक्त रिमांड मांगते हुए यह बताया है कि उनके (समीर बिश्नोई) के बयान में काफी विरोधाभास है। वे (समीर बिश्नोई) उनके नियंत्रण की संपत्ति को लेकर या कि अवैध उगाही से कमाए धन को लेकर जानकारी नहीं दे रहे हैं। समीर बिश्नोई के मकान से जब्त 47 लाख रुपए के स्त्रोत को लेकर भी कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे रहे हैं। IAS समीर बिश्नोई ये भी नहीं बता रहे हैं कि सूर्यकांत को उन्होंने महत्वपूर्ण जानकारियां क्यों दी या कि नोटिफिकेशन जारी क्यों किया जबकि कोई निर्देश नहीं थे।
सूर्यकांत का हर कॉलम में जिक्र
ईडी के रिमांड नोट के कमोबेश हर कॉलम में सूर्यकांत तिवारी का जिक्र अनिवार्य रूप से मौजूद है। ईडी यह कह रही है कि इस मामले में गिरफ्तार कोल वाशरी के मालिक सुनील अग्रवाल ने सूर्यकांत के साथ मिलकर कोल वाशरी को बेचने का दबाव बनाया। इस आरोप के समर्थन के लिए ईडी ने शिखर अग्रवाल के बयान का जिक्र किया है। आरोप यह भी है कि सूर्यकांत और सुनील अग्रवाल ने कोल वाशरियों को खरीदने के लिए कुछ रकम चेक से यानी एक नंबर में तो बड़ी रकम नकद दी, ताकि काले धन को सफेद किया जा सके। रिमांड पत्र में राजकुमार अग्रवाल के बयान का जिक्र है जिसके अनुसार 40 करोड़ चेक से दिया और 20 करोड़ देने का भरोसा वादा किया था। ED के अनुसार सुनील अग्रवाल, इस मामले के किंगपिन सूर्यकांत तिवारी का व्यवसायिक साझेदार है।
सूर्यकांत की डायरी का जिक्र आया
इस मामले में सूर्यकांत तिवारी की डायरी का जिक्र भी आया है। सूर्यकांत तिवारी की चर्चित डायरी का उल्लेख करते हुए ईडी ने कोर्ट को बताया है कि उस डायरी में समीर बिश्नोई को लेकर ये एंट्री थी कि कोयले के अवैध कारोबार का 1 करोड़ रुपए देना दर्ज था। समीर बिश्नोई के घर से बरामद 47 लाख रुपए उसी एक करोड़ का हिस्सा हैं।
सूर्यकांत की बहुत सी अचल बेनामी संपत्ति
सूर्यकांत के नजदीकी रिश्तेदार लक्ष्मीकान्त तिवारी को लेकर ईडी ने कहा है कि जांच से लक्ष्मीकान्त तिवारी और सूर्यकांत तिवारी के अन्य सहायकों के बीच आर्थिक लेनदेन साबित होता है। लक्ष्मीकान्त तिवारी ने ये कबूल किया है कि सूर्यकांत तिवारी ने अपने और अपने परिवार के नाम पर बहुत-सी अचल सम्पत्तिया महासमुंद, बेमेतरा, नया रायपुर इत्यादि में खरीदी हैं।
ED को डाटा रिट्रिव होने का इंतजार
प्रवर्तन निदेशालय को सुनील अग्रवाल समीर बिश्नोई और लक्ष्मीकान्त के पास से बरामद डिजिटल उपकरणों के रिट्रिव होने का इंतजार है। ईडी ने रिमांड पर लेने की जो जरूरत बताई है उसमें ये वजह शामिल है। ईडी के पास जैसे ही डाटा आएगा उस डाटा के आधार पर सवाल जवाब किए जाएंगे।