Raipur. कोयला घोटाला की जाँच कर रही ईडी ने आईएएस समीर बिश्नोई, कोयला व्यवसायी सुनील अग्रवाल और कोयला घोटाला के किंगपिन सूर्यकांत तिवारी के नज़दीकी रिश्तेदार लक्ष्मीकान्त तिवारी के खिलाफ मनी लॉंड्रिंग के ठोस सबूत मिलने की बात कोर्ट में कहीं है। ईडी ने यह भी कोर्ट को बताया है कि, तीनों ने ही पर्याप्त सहयोग नहीं दिया है।
ईडी के प्रोडक्शन रिपोर्ट में फिर नामों का दोहराव और घोटाले में सरकारी तंत्र के सहयोग का उल्लेख
प्रवर्तन निदेशालय की प्रोडक्शन मेमो/ज्यूडिशियल रिमांड में एक बार IAS रानू साहू,जयप्रकाश मौर्य, सौम्या चौरसिया,समीर बिश्नोई, रजनीकांत तिवारी,रोशन सिंह, शेख़ मोइनुद्दीन कुरैशी, हेमंत जायसवाल और जोगेंदर सिंह का उल्लेख है। ईडी ने इन्हें कोल घोटाले के किंगपिन सूर्यकांत तिवारी के सहयोगियों के रुप में उल्लेखित किया है।कोर्ट को सौंपे इस पत्र में प्रवर्तन निदेशालय ने IAS समीर बिश्नोई के आदेश को ही पूरे घाटाले और भ्रष्टाचार का आधार बताया है। ईडी ने करोड़ों के प्रवर्तन के रुप में कोल वाशरी समेत कई अन्य संपत्तियों में निवेश की बात कही है।
राज्य सरकार के प्रशासनिक तंत्र पर घाेटाला में शामिल होने का जिक्र
प्रवर्तन निदेशालय ने ज्यूडिशियल रिमांड पत्र में उल्लेखित किया है कि, इस कोयला घोटाला में ज़िला स्तर तक का प्रशासनिक तंत्र शामिल था। जिसके संरक्षण और निर्देशन में यह घोटाला संभव हुआ। इसी संरक्षण और मार्गदर्शन से 25 रुपए प्रति टन की लेव्ही (अवैध उगाही) संभव हो पाई।प्रवर्तन निदेशालय ने हालिया दिनों चिप्स में मारे गए छापे का उल्लेख किया है।
दो दिनों से फिर पूछताछ का दौर शुरु
कल ईडी ने तीनों अभियुक्तों को कोर्ट में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। कल ही ईडी ने मुख्यमंत्री सचिवालय की उप सचिव सौम्या चौरसिया को बयान के लिए बुलाया था।खबरें हैं कि कल ही कुछ घंटों के लिए जे पी मौर्या को भी ईडी ने बुलाया था। आज IAS रानू साहू के बयान दर्ज किए जाने की खबरें हैं। लेकिन इस खबर की कोई पुष्टि नहीं है।