Raipur। महंगाई भत्ता और एचआरए के मसले पर आंदोलन की नाटकीय वापसी के क़रीब चौबीस घंटों बाद भी कर्मचारियों की नाराज़गी थमी नहीं है बल्कि और बढ़ रही है। ये नाराज़गी सोशल मीडिया पर तो दर्ज की ही जा रही है साथ ही सार्वजनिक रुप से भी इसे प्रकट करने में कहीं कोई चुक नहीं की जा रही है।यह नाराज़गी सरकार या कि सरकार के मुखिया भूपेश बघेल पर केंद्रित नहीं है, बल्कि कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा और उनके क़रीबियों पर केंद्रित है।प्रदेश कई हिस्सों में आंदोलन में शामिल रहे कर्मचारी यह सवाल कर रहे हैं कि, फेडरेशन की ओर से जिस समझौते की बात की जा रही है, यह दावा किया जा रहा है कि सुझाव माने गए, उनके साथ बैठे मंत्री के बयान में कहीं कोई ऐसा शब्द नहीं था जिसके मायने यह निकले कि, सुझाव या माँग निर्णय के रुप में माने गए हैं।
क्यों भड़के हैं कर्मचारी
हड़ताली कर्मचारियों का ग़ुस्सा इस आरोप के साथ है कि, प्रदेश संयोजक कमल वर्मा सरकार के दबाव में आ गए और उन्होंने लाखों कर्मचारियों का भरोसा तोड़ दिया। इस आरोप के साथ नाराज़ कर्मचारी वो पूरा संवाद का वीडियो दिखाते हैं जिसमें सरकार के प्रवक्ता मंत्री रविंद्र चौबे और फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा मौजूद हैं और मौजूद मीडिया से चर्चा कर रहे हैं। जो कुछ वीडियो में दर्ज है वह इस तरह से है -
कमल वर्मा - “सरकार ने सुन लिया है,सरकार ने जो हमारी बात है, जो हमने सुझाव रखा था,उसको स्वीकार कर लिया है।और इसके बारें में चाहूँगा कि प्रदेश के यशस्वी मंत्री जी इसमें व्यक्तव्य दें।”
मंत्री रविंद्र चौबे - “कर्मचारी अधिकारी फ़ेडरेशन के अध्यक्ष कमल जी को और पूरी टीम को,ह्रदय से धन्यवाद देता हूँ,आदरणीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी के अपील पर,गौर करते हुए अपने आंदोलन को स्थगित करने का निर्णय लिया।अधिकारी कर्मचारी फ़ेडरेशन की विभिन्न माँगो पर लगातार चर्चा हम लोग कर रहे थे।माननीय मुख्यमंत्री जी से भी मेरी चर्चा हुई थी।मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर फ़ेडरेशन के अध्यक्ष आदरणीय कमल जी के आग्रह पर, आदरणीय मुख्य सचिव जी की अध्यक्षता में भी बैठक हुई है, और लगभग अधिकांश माँगो में सहमति बनी हुई है, और आज चुंकि आंदोलन का स्थगन हुआ है तो आने वाले समय में कर्मचारियों अधिकारियों के हितों में जो भी निर्णय सरकार की ओर से आवश्यक होगा, हम लोग निर्णय लेंगे और इसी आश्वासन के उपरांत कमल जी ने जो अपना प्रदेश स्तरीय आंदोलन था उसको स्थगन किया है। मैं आदरणीय मुख्यमंत्री जी की अपील पर ये जो आंदोलन स्थगन की घोषणा हुई है मैं कमल जी को और उनकी पूरी टीम को ह्रदय से धन्यवाद देता हूँ।”
भड़के कर्मचारियों का कहना यह है कि,प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और इस वार्ता में सरकार के प्रतिनिधि मंत्री रविंद्र चौबे के शब्दों में बेहद स्पष्ट अगर कुछ है तो वह यह है कि,आने वाले समय में कर्मचारियों अधिकारियों के हितों में जो भी निर्णय सरकार की ओर से आवश्यक होगा, वह लेंगे और मंत्री चौबे ने ही आगे कहा है इस आश्वासन के उपरांत कमल जी ने प्रदेश स्तरीय आंदोलन को स्थगित किया है।याने शून्य से हासिल करने चले लेकिन शून्य पर ही रहे हैं।
सोशल मीडिया और मंच से भी सामने आ रहा है ग़ुस्सा
कर्मचारी अधिकारी से जुड़े व्हाट्सएप ग्रुप हों या कि सोशल मीडिया के अन्य माध्यम, इस आंदोलन की वापसी को लेकर ग़ुस्सा चरम पर है। सरगुजा के हड़ताली मंच से कर्मचारियों का प्रदेश संयोजक कमल वर्मा के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी और हंगामा करने का वीडियो वायरल हुआ है। सोशल मीडिया में लोग मीम बनाकर या कविताओं के ज़रिए या व्यंग्य लिखकर फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा और उनके सहयोगियों पर नाराज़गी ज़ाहिर कर रहे हैं। जिस अंदाज में यह नाराज़गी सामने आई है, उसमें यह दावा भी शामिल है कि,देर सबेर फ़ेडरेशन को नया प्रांतीय संयोजक भी मिल सकता है।
CM बघेल की बात ग़ौरतलब
कर्मचारियों की हड़ताल किसी भी सरकार के लिए परेशानी का सबब होती है। लेकिन हड़ताल वापसी हो गई और सरकार को कोई कार्यवाही करने की ज़हमत तक नहीं उठानी पड़ी।किसी कार्यवाही की जगह सीएम बघेल का कभी शहद कभी नीम अंदाज वह काम कर गया।बीजेपी के खुले समर्थन के ठीक बाद हड़ताल वापसी पर सीएम बघेल को ख़ुश होना चाहिए था, उनका बीजेपी पर मौज लेना बनता था और सीएम बघेल क़तई नहीं चूके। इस सवाल पर कि, हड़ताल समाप्ति का श्रेय किसे है, सीएम बघेल ने मुस्कुराते हुए कहा
“ये तो सवाल सबसे पहले कर्मचारियों से पूछना चाहिए,उन्होंने हड़ताल क्यों ख़त्म की ? मैंने तो अपील किया था, भाजपा वाले बोले थे आप हड़ताल जारी रखें हम साथ में हैं।तो शायद रास नहीं आया, अब ये तो वही बताएँगे, इसलिए ये सवाल मुझसे नहीं बल्कि कर्मचारी संगठनों से पूछा जाना चाहिए।”
सीएम बघेल से सवाल हुआ कि हड़ताल स्थगित की गई है ना कि ख़त्म की गई है तो मुख्यमंत्री बघेल ने हंसते हुए कहा
“हड़ताल अब समाप्त हो गया है, काम पर लौट गए हैं, मुझे बस इतनी ही जानकारी है।”