Bilaspur। पुलिस अधीक्षक कार्यालय में ASI (M) पद पर नियुक्ति पत्र लेकर ज्वाईनिंग कराने पहुँचे शख़्स से पुलिस ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है।युवक के पास नियुक्ति पत्र फ़र्ज़ी था और उसने इसके लिए 8 लाख रुपए दिए थे।पुलिस ने फ़र्ज़ी नियुक्ति पत्र के इस मामले में युवक के साथ एक आरक्षक,एक पार्षद और एक निगमकर्मी को गिरफ्तार किया है।
क्या है घटनाक्रम
पीयूष प्रजापति नामक युवक नौकरी की तलाश में था, उसे निगम में कार्यरत पूर्व परिचित भोजराज नायडू ने पुलिस विभाग में सीधी भर्ती कराने का दावा किया, और बीजेपी के पार्षद रेणुका प्रसाद नगपुरे से मिलवाया। निगमकर्मी भोजराज और पार्षद रेणुका ने पीयूष से बात की और फिर उसे पुलिस लाईन में पदस्थ सिपाही पंकज शुक्ला से मिलवाया। इन तीनों ने मिलकर पीयूष से आठ लाख रुपए लिए और उसे सहायक उप निरीक्षक (M) का नियुक्ति पत्र दे दिया। इस फ़र्ज़ी पत्र में एसपी पारुल माथुर के हस्ताक्षर भी बेहद शातिर तरीक़े से किए गए थे।नियुक्ति पत्र मिलते ही पीयूष सीधे एसपी कार्यालय नौकरी लेने पहुँच गया। जबकि योजना के अनुसार तीनों उसे नियुक्ति पत्र देकर तुरंत ना भेज कर फिर कोई नया झाँसा देते हुए घुमाते, लेकिन जब तक कोई पीयूष को फ़ोन कर समझाता तब तक पीयूष एसपी ऑफिस पहुँच गया।
और भी प्रकरण आ सकते हैं सामने
बिलासपुर पुलिस के सूत्रों ने बताया है कि, आरक्षक पंकज शुक्ला के पास से चार लाख रुपए, प्रिंटर और स्कैनर बरामद हुआ है। पंकज के अलावा पार्षद रेणुका प्रसाद नगपुरे और निगमकर्मी भोजराज नायडू को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।इन्हीं आरोपियों के पास से और कई फ़र्ज़ी नियुक्ति पत्र मिलने की खबरें हैं, बताया जा रहा है कि पुलिस इन सभी पत्रों को लेकर भी जाँच कर रही है।