RAIGARH: रायगढ़ पुलिस ने फर्जी मार्कशीट (fake marksheet) से नौकरी दिलाने वाले गिरोह को धरदबोचा है। डाक विभाग ने ग्रामीण डाक सेवक (gramin daak sewak) भर्ती के माध्यम से शाखा डाकपाल एवं सहायक शाखा डाकपाल की भर्ती निकाली थीं। ये जॉब दसवीं में मिले मार्क्स के आधार पर दी गई। जिसमें कुछ अभ्यर्थियों पर आरोप है कि जालसाजों से मिलकर फर्जी सर्टिफिकेट देकर नौकरी हासिल की है। डाक विभाग ने जब मार्कशीट का सत्यापन किया तब मामले का खुलासा हुआ। डाक अधीक्षक रायगढ़ ने इसकी जानकारी सिटी कोतवाली रायगढ़ को दी। जिसके बाद कोतवाली पुलिस ने जांच शुरू कर दी।
टीम बनाकर धरदबोचा
पुलिस ने इस मामले में पूछताछ की। जिसमें अभ्यर्थियों को नौकरी लगवाने का लालच देकर रूपयों की वसूली करने वाले वाले गिरोह की जानकारी मिली। टीआई मनीष नागर ने इसकी जानकारी एसपी और एएसपी को दी। जिसके बाद पुलिस अलग-अलग टीमें बनाकर रायपुर, बिलासपुर, सक्ती, जांजगीर-चांपा रवाना हुईं। इन टीमों ने गिरोह के मुख्य सरगना हीरालाल गबेल समेत 7 आरोपियों को अलग-अलग स्थानों से हिरासत में लिया है।
सील का गलत उपयोग
फर्जी मार्कशीट से नौकरी हासिल करने वाली स्वाति कंवर ने बताया कि वो दलाल संजय शर्मा के जरिए हीरा लाल गबेल के संपर्क में आई। स्वाति के मुताबिक दलाल संजय शर्मा किसी भी भर्ती में सर्टिफिकेट के आधार नौकरी दिलाने प्रलोभन देता है। हीरालाल गवेल पहले ओपन स्कूल का अध्यक्ष था। वो अपने पास रखे सील का गलत इस्तेमाल कर नकली मार्कशीट बनाता है। आरोपी हीरालाल गबेल वर्ष 2005 में जाली नोट मामले में भी जेल की हवा खा चुका है। गिरोह में शामिल मालखरोदा जांजगीर चांपा का योगेंद्र धीरहे का कंप्यूटर सेंटर है, इसी सेंटर पर फर्जी मार्कशीट बनाई जाती है।