Ambikapur।हसदेव अरण्य के परसा खदान को लेकर दोपहर तब फिर बवाल मच गया जबकि पुलिस की मौजूदगी में प्रशासनिक दल ने मशीनों से पेड़ कटाई शुरु कर दी। उत्खनन के विरोध में ग्रामीण आंदोलन स्थल छोड़ उस इलाक़े पहुँच कर बैठ गए हैं जहां पेड़ कटाई शुरु की गई थी।ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए पेड़ कटाई रोक दी गई है।लेकिन मौक़े से ना पुलिस हटी है और ना उसके साथ मौजूद वह प्रशासनिक दल जो पेड़ कटाई कर रहा है, उन्हें ना हटते देख ग्रामीणों ने भी वहीं डेरा जमा लिया है।
लिखित आदेश किसका, इस सवाल पर मौन
प्रशासनिक दल, पुलिस के व्यापक कव्हर के साथ मौके पर पहुँचा है, लेकिन यह दल किसके आदेश से पहुँचा है, इसकी जानकारी लेने की कोशिश की गई तो जवाब नहीं मिल पाया है।द सूत्र ने व्हाट्सएप से भी प्रश्न भेजा लेकिन कोई जवाब नहीं आया है।
आदित्येश्वर का पत्र- यह कार्यवाही अनैतिक है कलेक्टर साहब
ज़िला पंचायत उपाध्यक्ष आदित्येश्वर सिंहदेव ने परसा के जंगल काटे जाने की खबरों के आते ही कलेक्टर संजीव झा को पत्र भेजा है।आदित्येश्वर सिंहदेव के पत्र में यह उल्लेखित है
“ग्रामसभा के अवैध प्रस्ताव को मान्य कर कलेक्टर सरगुजा द्वारा जारी वन अधिकार क़ानून के विधिवत पालन प्रमाण पत्र एवं राज्य शासन द्वारा जारी वन अधिकारों के निर्धारण खनन प्रमाण पत्र एवं सहमति के आधार पर वनभूमि के डायवर्शन की अनुमति दी है, जिसके बाद राज्य सरकार ने 6 अप्रैल 2022 को वन भूमि डायवर्शन का अंतिम आदेश पारित किया है।प्रभावित ग्रामीणों में व्याप्त असंतोष एवं आक्रोश को देखते हुए महामहिम राज्यपाल ने पूरे प्रकरण की जाँच के आदेश दिये हैं।आपसे ज़िला पंचायत अध्यक्ष ने पत्र के माध्यम से परसा कोल ब्लॉक और विकासखंड उदयपुर में प्रस्तावित उत्खनन को लेकर क्षेत्र की वस्तु स्थिति से अवगत कराते हुए प्रभावित समस्त ग्रामों में विशेष ग्राम सभा आयोजित करने की माँग की गई थी।
आज यह जानकारी मिल रही है कि बड़ी संख्या में पुलिस की उपस्थिति में पेड़ों की कटाई हो रही है।इस विषय पर बिना किसी दबाव के स्पष्ट और पारदर्शी तरीक़े से मीडिया सोशल मीडिया और वेब पोर्टल में सही जानकारी डालकर ग्रामसभा की स्पष्ट अनुमति ली जाए।ग्रामवासियों की पूरे कोरम के साथ ग्रामसभा बुलाए बिना, उनकी मंशा जाने बिना इस विषय पर कोई भी कार्यवाही आगे बढ़ाना अनैतिक है।आपसे अनुरोध है जब तक ग्रामसभा नहीं होती तब तक पेड़ कटाई सहित विभिन्न गतिविधियाँ रोक दी जाएँ।
ग्रामीण हटने को तैयार नहीं
पंक्तियों के लिखे जाने तक ग्रामीणों ने जंगल से हटने से इंकार कर दिया है। पुलिस भी बड़ी संख्या में वहाँ मौजूद है। उस इलाक़े से आ रही खबरों से यह संकेत हैं कि स्थिति बेहद तनावपूर्ण है।
जिला पंचायत सरगुजा के उपाध्यक्ष आदित्येश्वर सिहदेव के कलेक्टर को भेजे पत्र को पढ़ने के लिए कृपया लिंक पर क्लिक करें