RAIPUR : हसदेव पर जरूरत पड़ी तो केंद्रीय नेतृत्व तक ले जाएंगे मसला, कांग्रेस के शासनकाल में बने नियमों का पालन करे राज्य सरकार

author-image
The Sootr CG
एडिट
New Update
RAIPUR : हसदेव पर जरूरत पड़ी तो केंद्रीय नेतृत्व तक ले जाएंगे मसला, कांग्रेस के शासनकाल में बने नियमों का पालन करे राज्य सरकार

याज्ञवलक्य मिश्रा, RAIPUR. हसदेव अरण्य(Hasdeo Aranya) के मसले पर मेधा पाटकर (Medha Patkar) ने खनन प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर राज्य सरकार से कहा है कि राजस्थान (Rajasthan) और छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की कांग्रेस सरकारों, उन नियमों कानूनों और प्रावधानों का सम्मान करें, जो केंद्र में कांग्रेस सरकार ने बनाए हैं। मेधा पाटकर ने सवाल किया है कि हसदेव में खनन कैसे मंजूर किया जा सकता है, जिससे कि प्रकृति आधारित जीवन निर्वाह करने वाले आदिवासी समुदाय का अस्तित्व ही खत्म हो जाए।



3 दिन छत्तीसगढ़ में रहीं मेधा पाटकर 



मेधा पाटकर, डॉ. सुनीलम उल्का महाजन (Sunilam Ulka Mahajan) समेत कई चर्चित चेहरे 3 दिनों तक छत्तीसगढ़ में रहे। इस दौरान रायपुर में विमर्श शिविर के बाद ये सभी जनांदोलन के चर्चित चेहरे हसदेव के आंदोलन स्थल भी गए। वहां रैली प्रदर्शन में भाग लिया। तीसरे दिन दोपहर बाद इन सबकी वापसी हुई है।



क्या बोले आंदोलनकारी 



मेधा ने हसदेव अरण्य को लेकर कहा है कि इस कोयला खनन के खिलाफ देशभर के 15 से ज्यादा जन संगठन एकजुट हैं। इस खदान से पर्यावरण का विनाश होना है। उन्होंने कहा कि 'जल, जंगल, जमीन अमूल्य है, इसे पैसे से मत तौलो, वहां दलाल खड़े मत करो,आंदोलनकारियों को बदनाम मत करो, यह रास्ता लंबा नहीं चलता'। सामाजिक कार्यकर्ता उल्का महाजन ने रायगढ़ में स्पेशल इकोनॉमिक जोन के मुद्दे पर रायशुमारी का जिक्र करते हुए कहा कि रायगढ़ में अंबानी को मिले स्पेशल इकोनॉमी जोन के मुद्दे पर 94 फीसदी लोगों ने परियोजना के खिलाफ वोट दिया और परियोजना रद्द हो गई। सरकार हसदेव में यही रायशुमारी करा ले। मध्यप्रदेश से पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम ने ग्राम सभाओं को फर्जी बताते हुए इनकी जांच कराए जाने की मांग रखी।


Rajasthan राजस्थान छत्तीसगढ़ Chhattisgarh Raipur रायपुर Congress Government कांग्रेस सरकार Medha Patkar मेधा पाटकर हसदेव अरण्य Hasdeo Aranya Rule of Law Dr. Sunilam Ulka Mahajan नियम कानून डॉ सुनीलम उल्का महाजन