Gariyaband। उदंती सीतानदी टाइगर रिज़र्व में तेंदुए (leopard)के शव बरामदगी के दो दिन बाद भी यह पता नहीं चल पाया है कि, मौत किस तरह हुई। शव से नाखून ग़ायब पाए गए थे। वहीं शव इस बुरी तरह नष्ट हो गया था कि, पीएम रिपोर्ट से भी कुछ रहस्य खुलने की उम्मीद नहीं है।वन विभाग( forest dipartament) अभी यह भी नहीं तय कर पाया है कि, उड़ीसा की सरहद से बमुश्किल दो सौ मीटर पहले मिले तेंदुए के शव को उड़ीसा (Odisha)में मारकर छत्तीसगढ़ की सीमा के भीतर फेंका गया या उसे छत्तीसगढ़ में ही मार कर फेंका गया है।
सूनी झोपड़ी से वन्यजीव अंग मिले
वन अमला जबकि तेंदुए के शव के पास पहुँचा तो खोजबीन के दौरान उसे नव निर्मित झोपड़ी दिखी, जिसके भीतर जाने पर उसे कई वन्य जीवों के अंग बरामद हुए हैं। वन अमला झोपड़ी में निवास कर रहे व्यक्ति की तलाश में उड़ीसा पुलिस के साथ मिलकर पता तलाश कर रहा है।वन विभाग को शक है कि, उसके पकड़ाते ही तेंदुए की मौत का रहस्य भी सार्वजनिक हो जाएगा। संकेत हैं कि देर शाम तक आरोपी वन अमले के हिरासत में होगा।
क़रीब चार साल का था तेंदुआ
उदंती महानदी टाइगर रिज़र्व में मारे गए तेंदुए को लेकर उपनिदेशक वरुण जैन ने द सूत्र से कहा
“लेपर्ड क़रीब चार बरस उम्र का था, उसके शव से नाखून निकाले गए थे, बॉडी डिकंपोस्ड हो रही थी,इसलिए मौत कैसे हुई इसका संकेत पता नहीं चला है,पीएम रिपोर्ट से भी कोई विशिष्ट संकेत मिल पाएगा इसकी उम्मीद बेहद कम है, हमें कुछ व्यक्तियों पर शक है, उनकी तलाश की जा रही है”