Kabirdham. मध्यप्रदेश की सरहद से सीधे सटे छत्तीसगढ़ के कबीरधाम ज़िले में पुलिस अनूठी पहल कर रही है। यह पहल किसी शासकीय मद से नहीं बल्कि इसमें श्रम और धन दोनों की सहभागिता कवर्धा पुलिस की स्वयं की है। यह क़वायद है वनांचल इलाक़े में मौजूद छोटे बच्चों और ड्रॉप आउट बच्चों को पढ़ाने और पाँचवीं तक की शिक्षा के बाद उन्हें शासकीय छात्रावास में दाख़िले की। अब तक कवर्धा पुलिस साठ बच्चों को पाँचवीं की पढ़ाई करा कर आगे की पढ़ाई के लिए क़स्बों में मौजूद आश्रमों में दाखिल करा चुकी है।
चार थाने आठ गाँव और 152 बच्चे
कबीरधाम ज़िले के शौंरु पंडरीपथरा बंदुकुंदा,झुरगीदादर,मांदीभाठा,तेंदूपड़ाव, बगईपहाड़ और सुरुतिया ये वो गाँव है जिसे प्रशासनिक नक़्शे में वनग्राम कहा जाता है। बेहद दूर जंगल के भीतर बसे इन गाँवों में इस वक्त 152 बच्चों को पुलिस पढ़ा रही है।इन गाँवों में स्कूल नहीं है और यदि कहीं हैं तो वे इतने पास नहीं है कि नौनिहालों को भेजा जा सके। इसलिए ये आठ गाँव जिन चार थाना क्षेत्रों में आते है, वहाँ पदस्थ पुलिसकर्मियों ने इन्हें पढ़ाना शुरु किया। पिछली बार बच्चों की संख्या साठ थी, इस बार यह दुगनी से ज़्यादा है।
पाँचवीं के बाद छठवीं सरकारी आश्रम में
पाँचवीं तक की पढ़ाई के लिए बच्चों को गाँव के ही किसी घर को स्कूल का रुप देकर यह पढ़ाई होती है। इन बच्चों को ड्रेस किताब सब पुलिस उपलब्ध कराती है। पाँचवीं के बाद इन बच्चों को छठवीं और आगे की पढ़ाई के लिए क़स्बों में मौजूद सरकारी छात्रावासों में शिफ़्ट कराया जाता है।
कोशिश है जल्द स्कूल भी खुले
इस अभियान को चला रही कबीरधाम पुलिस के अधिकारियों की क़वायद है कि, ऐसी व्यवस्था भी हो जाए कि, स्कूल गाँव में और आगे की पढ़ाई के लिए छात्रावास आसपास बनें।एस पी डॉ लाल उम्मेद सिंह ने द सूत्र से कहा
“हमारी कोशिश है कि, हम बच्चों को उन सुविधाओं का लाभ दिला सकें जो उनके लिए बनी है। वनग्रामों में स्कूल भी खुल जाएँ यह प्रयास भी है, लेकिन तब तक हम जो बेहतर कर सकते हैं वो कर रहे हैं। हमें ग्रामीणों का सहयोग भी भरपूर मिल रहा है।”