Raipur. बीते 30 जून से छत्तीसगढ़ में जारी आयकर छापों को लेकर आयकर विभाग ने सांकेतिक ब्यौरा जारी किया है। यह छापे सूर्यकांत तिवारी पर केंद्रित थे, साथ ही एक टीम तीन दिनों तक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया के भिलाई स्थित निवास सूर्या अपार्टमेंट में मौजूद रही। आयकर विभाग ने छत्तीसगढ़ में तीस जगहों पर तलाशी अभियान चलाया था। इनमें रायपुर,भिलाई, रायगढ़ कोरबा बिलासपुर सूरजपुर महासमूंद जैसे शहर शामिल थे। आयकर विभाग ने इस तलाशी अभियान को लेकर जो जानकारी सार्वजनिक की है, वह अंग्रेज़ी में है, जिसे हिंदी में हम यथावत प्रस्तुत कर रहे हैं।आयकर विभाग की इस विज्ञप्ति को पीआईबी ने जारी किया है ।
पीआईबी द्वारा जारी विज्ञप्ति
आयकर विभाग द्वारा कोयला परिवहन और अन्य संबद्ध गतिविधियों के व्यवसाय में लगे एक समूह पर 30.06.2022 को तलाशी और जब्ती अभियान चलाया गया। तलाशी अभियान में एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी का परिसर भी शामिल था। रायपुर, भिलाई, रायगढ़, कोरबा, बिलासपुर, सूरजपुर आदि में फैले 30 से अधिक परिसरों में तलाशी अभियान चलाया गया।तलाशी अभियान के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज, कागजात और डिजिटल साक्ष्य मिले हैं और उन्हें जब्त कर लिया गया है। समूह द्वारा अपनाई जाने वाली कार्यप्रणाली में छत्तीसगढ़ राज्य भर में कोयला परिवहन पर नियमित रूप से अनुचित कलेक्शन शामिल है, जिससे भारी मात्रा में बेहिसाब आय अर्जित की गई है। कम समय में इस तरह से अर्जित 200 करोड़ से ज्यादा रुपये के संग्रहण के साक्ष्य मिले हैं। समूह के प्रमुख विश्वसनीय सहयोगियों ने भी इसकी पुष्टि की है। सरकारी अधिकारियों को किए गए कुछ नकद भुगतान के उदाहरणों की भी पहचान की गई है।
जब्त किए गए सबूतों से यह भी संकेत मिलता है कि समूह ने कोल वाशरीज की खरीद में लगभग 45 करोड़ रुपये का बेहिसाब नकद भुगतान किया है। इसके अलावा हाल ही में हुए चुनावों के दौरान समूह द्वारा नकद खर्च करने के सबूत भी मिले हैं।तलाशी के दौरान बड़ी संख्या में संपत्ति के समझौते मिले हैं, जिससे पता चलता है कि अचल संपत्तियों के अधिग्रहण में भारी अघोषित निवेश किया गया है, जो कि प्रकृति में बेनामी प्रतीत होते हैं। सरकारी अधिकारी से संबंधित कथित मालिकों द्वारा 50 एकड़ अचल संपत्तियों के अधिग्रहण में किए गए निवेश के स्रोत की जांच की जा रही है।तलाशी अभियान के दौरान अब तक 9.5 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित नकदी और 4.5 करोड़ रुपये के आभूषण जब्त किए जा चुके हैं। तलाशी के दौरान एकत्र किए गए ऐसे आपत्तिजनक सबूतों की प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि समूह द्वारा कुछ सौ करोड़ रुपये की आय से बचने का प्रयास किया है।आगे की जांच जारी है।
जांच का दायरा बढ़ने और विभिन्न जांच एजेंसियाें के शामिल हाेने के संकेत
आयकर विभाग ने संकेतों में सही पर यह स्पष्ट कर दिया है कि, कोयले के परिवहन को लेकर जो 25 रुपए टन की अवैध वसूली हो रही थी, और कोरबा की वह ज़मीन जिसमें कोल वाशरी को लेकर ख़रीदी का मसला बताते हुए द सूत्र ने संकेत दिया था कि, यह दो मसले ऐसे थे जिससे आयकर और दिगर केंद्रीय एजेंसियों टीम के राडार पर सूर्यकांत आ गए थे । आयकर विभाग ने डिजिटल साक्ष्य शब्द का प्रयोग किया है, इसके अर्थ सामान्य तौर पर सीडी या पैन ड्राइव से लगाए जाते हैं।आयकर विभाग ने विज्ञप्ति में हाल के चुनाव का ज़िक्र किया है, इसे हालिया उप चुनावों से जोड़ कर देखा जा रहा है।आयकर विभाग ने लिखा है कि, क़रीब दो सौ करोड़ से ज़्यादा के संग्रहण के साक्ष्य मिले हैं।विज्ञप्ति में सरकारी अधिकारियों को नगद भुगतान किए जाने का भी उल्लेख है, ऐसा लगता है कि अधिकारियों का कोई समूह वह भी हैं जो सूर्यकांत और उनके सहयोगियों द्वारा लाभान्वित हुआ है।जबकि एक अधिकारी से संबंधित ब्यौरा है कि 50 एकड़ से अधिक अचल संपत्ति में उसके कथित मालिकों द्वारा किए गए निवेश की जाँच जारी है।
पीआईबी द्वारा जारी विज्ञप्ति पढ़ने के लिए कृपया लिंक को क्लिक करें।