Raipur।राजीव भवन याने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय का तापमान आज फिर बढ़ा हुआ रहा। पर इस बार वजह पीसीसी चीफ़ मोहन मरकाम के बेहद तल्ख़ तेवर थे।बीआरओ और डीआरओ की इस बैठक में प्रदेश के चुनाव प्रभारी हुसैन दलवई मौजूद थे। बैठक यूँ तो केंद्रित होनी थी प्रदेश कांग्रेस के निर्वाचन प्रक्रिया को गति देने के लिए, लेकिन बैठक का विषय उन मसलों पर जा टिका जिससे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम सवालों के घेरे में आते। लेकिन इस बार जो बात सभी को चौंका गई वह था शांत मौन और लो प्रोफ़ाइल पॉलिटिक्स के सिग्नेचर मोहन मरकाम का पूरे तेवर से जवाब देना। पीसीसी चीफ़ मोहन मरकाम ने प्रमुख चार लोगों की ओर से उठे मसलों का क्रमवार जवाब दिया और बेहद सख़्त अंदाज में दिया।पीसीसी चीफ़ मोहन मरकाम यह भी कह गए
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“मुझे पता है पाँच साल संगठन कैसे चला है, संगठन को लेकर चिंता मत करिए, सत्ता में भाजपा छजका और दूसरे लाेगों को महत्व और पद मिल रहा है, वहाँ बोलते नहीं बनता ?बात निकलेगी तो दूर तलक जाएगी”
बैठक में सवाल प्रभारी से लेकिन निशाने पर मरकाम
बैठक में सवाल और शिकायत चुनाव प्रभारी हुसैन दलवई से हुए लेकिन निशाने पर पीसीसी चीफ़ मोहन मरकाम थे।बैठक में ये सवाल और शिकायत चार लोगों ने किए और मोहन मरकाम ने अपने उद्बोधन में चारों को क्रमवार जवाब दिया। जो प्रमुख सवाल या कि शिकायत की गई वह कुछ यूँ थी
1-चुनाव की प्रक्रिया के बीच पद से हटा दिया गया, दावा आपत्ति विभाग का दायित्व था फिर भी हटाया गया और कोई सूचना नहीं दी गई।
2-पीसीसी से फ़ोन जा रहे हैं बीआरओ बदलने के लिए, लोगों को ज़िलाध्यक्ष ब्लॉक अध्यक्ष बनाने के लालच दिए जा रहे हैं, पारदर्शिता कहाँ रह गई।
3- 16 जून को बीआरओ की सूची आ गई, उसे 7 जुलाई को सार्वजनिक किया गया, अब फिर बीआरओ को बदलने की खबरें आ रही है।
4- संगठन में अशांति क्यों फैलाई जा रही है, कार्यकर्ताओं के पास जाए बग़ैर चुनाव कैसे होगा?पीसीसी में बीआरओ से कोरे पेपर में हस्ताक्षर करवाये गए ।पिछले दरवाजे से नियुक्ति की तैयारियां हो रही ।
बैठक में सवालाें के निशाने पर अकेले पीसीसी चीफ मरकाम ही नहीं थे,बल्कि महामंत्री संगठन भी थे,लेकिन इस पूरे संवाद में वे मौन रहे।
मोहन मरकाम ने यूँ दिया जवाब
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने माइक थामते ही सख़्त तेवर के साथ उन्हें लक्ष्य कर किए गए सवालों का जवाब दिया। मोहन मरकाम ने कहा
“आप जो सज्जन अपने हटने पर इतनी बात कह रहे हैं, आप डेढ़ महीने नहीं आए, काम प्रभावित हो रहा था, मैंने बनाया और मैंने ही हटाया, आपका मूल पद तो नहीं हटा केवल दायित्व हटाया, व्यवस्था क्या हो यह मेरा काम है और वह मैंने किया”
पीसीसी से फ़ोन जाने और बीआरओ सूची में तब्दीली को लेकर उठे सवालों पर पीसीसी चीफ़ मरकाम ने कहा
“सूची के लिए फ़ोन जाता है, यह आरोप लगाने वाले वह नाम बता दें जो पीसीसी से फ़ोन करता है, और उसका नाम बता दें जिस तक यह फ़ोन गया है।लिखित शिकायत दे दें हम जाँच करा लेते हैं”
बेहद सख़्त तेवर के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा
“संगठन को लेकर मुझे बताने की ज़रूरत नहीं है, मुझे पता है इसके पहले पाँच साल कैसे काम हुआ है, वह बात निकलेगी तो दूर तलक जाएगी। और ये सत्ता में बीजेपी और दूसरे लोग पद और प्रभाव में है इस पर वहाँ बोलते नहीं बनता क्या? संगठन में ऐसा नहीं है और ना ही ऐसा होगा”
बोले सीएम बघेल -इतना उत्तेजित होने की जरूरत नहीं मरकाम जी
आक्रामक तेवर की वजह से पहचाने जाने वाले सीएम बघेल के तेवर बेहद नरम थे। हालाँकि मुख्यमंत्री बघेल पीसीसी चीफ़ मोहन मरकाम के तल्ख़ तेवर और कड़े अंदाज पर यह कहने से नहीं चूके कि किसी को यह नहीं सोचना चाहिए कि कांग्रेस उसके बदौलत चल रही है। सीएम बघेल ने कहा -
“इतना उत्तेजित होने की ज़रूरत नहीं है मरकाम जी,किसी को यह नहीं सोचना चाहिए कि,मेरी बदौलत कांग्रेस चल रही है, कांग्रेस कार्यकर्ताओं की वजह से चल रही है, सबको मिल कर चलना है”
देर शाम दिल्ली रवाना हुए मरकाम
बेहद विनम्र अंदाज,सदा मुस्कुराते चेहरे और मौन के भाव से लबरेज़ पीसीसी चीफ़ मोहन मरकाम के तेवरों ने सभी को चौंका दिया है। इस बैठक के बाद अचानक देर शाम पीसीसी चीफ़ मोहन मरकाम दिल्ली रवाना हो गए। खबरें हैं कि बैठक के तत्काल बाद पीसीसी चीफ़ ने पूरे घटनाक्रम ( शिकायत और सवाल ) को प्रायोजित बताते हुए दिल्ली में शिकायत की। पीसीसी चीफ़ मरकाम को उनके द्वारा किए फ़ोन के कुछ ही देर बाद दिल्ली से बुलावा आ गया।