Raipur।प्रश्नकाल में अचानक मसला तब गंभीर हो गया जबकि, बसपा विधायक केशव चंद्रा ने उनके विधानसभा क्षेत्र जैजैपुर के लिए मूल बजट में शामिल विभिन्न सड़कों का ब्यौरा सदन में रख दिया और सवाल किया कि, ये वो सड़कें हैं जिन्हे बजट में शामिल किया गया,लेकिन इसके लिए राशि ही नहीं जारी हुई,प्रक्रिया ही पूरी नहीं हुई, और बजट में शामिल होने के बावजूद बजट से बाहर हो गए। बसपा विधायक केशव चंद्रा की बात का समर्थन करते हुए छजकां विधायक धर्मजीत सिंह भड़क गए और उन्होंने कह दिया कि, ऐसी घोषणाओं का मतलब क्या है, आप ने जो जो घोषणा की है सब वापस ले लो।
MLA केशव ने पूछा - विपक्षी विधायक हूँ क्या इसलिए ऐसा करते हो
अपने विधानसभा क्षेत्र की कम से कम दर्जन भर सड़कों को नाम गिनाते हुए विधायक केशव चंद्रा ने सत्ता पक्ष से सवाल किया -
“आप बजट में शामिल करते हैं, जनता ख़ुश हो जाती है,और फिर प्रशासकीय स्वीकृति नहीं मिलती, राशि नहीं दी जाती, सब हो जाएगा तो इन सड़कों को बनने के लिए भू अर्जन नहीं होगा,2014-15 में दो सड़कें स्वीकृत हुईं, और इसलिए नहीं बनी क्योंकि भू अर्जन नहीं हुआ।9 साल से भू अर्जन नहीं हुआ, कौन जवाबदेह है।क्या ऐसा इसलिए करते हैं आप लोग, कि विपक्ष का विधायक हूं,क्षेत्र का काम मत होने दो, क्यों करते हैं ऐसा”
भड़के धर्मजीत, विपक्ष ने बहिर्गमन किया
जबकि बसपा विधायक केशव चंद्रा अपनी बात कहते कहते भावुक हो गए, तभी उनके समर्थन में वरिष्ठ विधायक छजका के धर्मजीत सिंह खड़े हुए और भड़कते हुए उन्होंने कहा
“यह ग़रीबों के हित का मामला है, जांजगीर ज़िला हो या मुंगेली ज़िला,बजट में सब ओर्नामेंटल व्यवस्था करते हैं,और उसके बाद उसकी बधाई भी लेते हैं कि आपने हमारे काम को शामिल किया।माननीय मंत्रीजी आपने बड़ी कृपा की,दया की।उसके बाद टाँय टाँय फिस्स हो जाता है।न उसके पता रहता है और ना वह मंज़ूर होता है और फिर ना वह बनता है।फिर वह बजट से ग़ायब हो जाता है फिर उसको शामिल कराओ और फिर ग़ायब हो जाता है।
बिफरे धर्मजीत सिंह ने आगे कहा
“हम आपसे माँग करते हैं, लोरमी विधानसभा के लिए जितने ऐसे फ़ालतू टाईप के बजट प्रावधान हैं, सब को आप यहाँ निरस्त करने की घोषणा कर दो।हम जनता को जाकर बताएँगे आप लोग राजनैतिक चश्मे से देखकर मंज़ूरी देते हैं।आप लोग अपने लोग को उपकृत करने के लिए मौक़ा देते हैं।हम लोगों को दुश्मन समझते हैं।हम लोगों के यहाँ जनता नहीं रहती ?क्या हमारे यहाँ लोग वोट नहीं डालते। आप लोगों को इस प्रकार से जो अहंकार है न, वह आप लोगों के ले डूबेगा।यह बिल्कुल ग़लत है। हर विभाग में भर्राशाही है,तमाशा मचाए हुए हैं।”
मामला इस कदर गरमाया कि, समूचे विपक्ष ने इसके बाद बहिर्गमन कर दिया।