RAIPUR: भारतीय रेलवे सेवा के एक अधिकारी की तेज रफ्तार रेल की चपेट में आने से मृत्यु हो गई। हादसे के वक्त अफसर नॉन इंटरलॉकिंग काम का जायजा ले रहे थे। इसी दौरान वे ट्रैन के चपेट में आ गए। नॉन इंटरलॉकिंग का काम बिलासपुर-कटनी रेलमार्ग और अनूपपुर-शहडोल के बीच चल रहा है। इसी काम का जायजा लेने दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे के बिलासपुर डिविजन के बैकुंठपुर में पदस्थ क्षेत्रीय प्रबंधक योगेंद्र सिंह भाटी पहुंचे थे। काम में मशगूल भाटी को ट्रेन के आने का अंदाजा ही नहीं हुआ और वो इस जानलेवा हादसे का शिकार हो गए। इस दुखद घटना पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी शोक व्यक्त किया है और भाटी के परिवार को हिम्मत बंधाई है।
17 जून से जारी था काम
रेलवे अधिकारी भाटी बैकुंठपुर में क्षेत्रीय प्रबन्धक के पद पर पदस्थ थे। इंटरलॉकिंग का ये काम अनूपपुर और शहडोल के बीच तीसरी रेल लाइन के विस्तार का काम 17 जून से जारी था. जिसे 26 जून तक चलना है. इसी काम का मुआयना करने के अधिकारी योगेंद्र सिंह भाठी गुरुवार शाम मौके पर पहुंचे हुए थे। वे निर्माणकार्य का निरीक्षण कर ही रहे थे कि एक ट्रैक पर कटनी- बिलासपुर मेमू आ गई। ट्रैन के अचानक आ जाने से सभी लोग तेजी से पटरी से दूर भागे। लेकिन भाटी की किस्मत खराब थी। वो दूसरी पटरी की तरफ चले गए। तभी दूसरी पटरी पर भी एक मालगाड़ी आ गई।
किस ट्रेन की चपेट में आए भाटी?
जब दोनों ट्रेनें गुज़र रही थी तब भाटी दोनों पटरियों के बीच ही फंसे हुए थे। इसलिए ये कहना मुश्किल कि भाटी किस ट्रेन की चपेट में आये। यह अभी तक पता नहीं चल सका है। ये घटना शाम लगभग साढ़े सात बजे की बताई जा रही है। ट्रेनों के गुजरने के बाद वहां मौजूद लोगों को पटरियों के बीच भाटी दिखाए दिए। जो बुरी तरह से घायल थे। लोग उन्हें धनपुरी अस्पताल ले गए। लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना की जानकारी मिलते ही डीआरएम बिलासपुर आलोक सहाय अन्य अधिकारियों के साथ देर रात धनपुरी अस्पताल पहुंचे।