Jashpur।ज़िले के कोलढोढी में दोस्तों ने ही उस दोस्त की नृशंस हत्या कर दी जो समान पृष्ठभूमि होने के बावजूद ज़िंदगी को पूरी मौज से जीता था। मृतक इक़बाल यादव और हत्यारोपी सभी किसानी और मज़दूरी करने वाले पारिवारिक पृष्ठभूमि से आते थे, लेकिन इक़बाल मेहनत ज़्यादा करता था और उससे ज़िंदगी बेहतर जीता था। इक़बाल ने केटीएम बाईक फ़ायनेंस के ज़रिए ख़रीदी थी और उस बाईक के लेते ही वह अपने ही दोस्तों के बीच चिढ़ का सबब बन गया। इकबाल को उसके दोस्तों ने मारा और शव को जला कर आधा नष्ट कर दिया, और इत्मिनान से गाँव में ही घुमते रहे, लेकिन इक़बाल की बाईक ने ही इन सभी को जेल भी पहुँचा दिया।
ज़िंदगी बेहतर जीता था बस यही थी हत्या की वजह
इकबाल अपने दोस्तों की तरह खेती और मज़दूरी करता था, बल्कि ज़्यादा मेहनत करता था। इक़बाल का शौक़ था कि, ज़िंदगी बेहतर जी जाए। थोड़ी ज़्यादा मेहनत से ज़्यादा पैसे कमाए, पैसे बचाए और मोबाइल ख़रीदा,बेहतर कपड़े पहनता था। उसकी लाइफ़ स्टाइल उसके ही दोस्तों के लिए चिढ़ की वजह बन गई। चिढ़ चरम पर गई जब उसने केटीएम बाईक लोन पर ली।
बीते 9 जुलाई को पास के गाँव में मेला देखने के नाम पर आरोपियों ने इक़बाल को बुलाया और शराब में नशे की गोलियाँ मिला कर पिला दिए। इकबाल जब बेहोश हो गया तो तकिए से मुँह दबा कर डंडे से गले को तब तक दबाए रखें जब तक कि इक़बाल की मौत नहीं हो गई। हत्या के बाद शव को दूर सलका पहाड़ के नीचे फेंक दिए।तीन दिन बाद सभी हत्यारोपी वहाँ फिर पहुँचे जहां शव फेंका गया था और उस शव पर नमक और पेट्रोल डाल कर आग लगा सभी वापस आ गए।
मृतक इक़बाल की केटीएम बाईक को मुख्य आरोपी मोहन यादव कार शृंगार की दुकान में ले गया और ऑरेंज कलर को ब्लैक कलर में तब्दील करा लिया, बाईक का नंबर प्लेट उसने घर में ही निकाल लिया था। एक दिन बाद उसने केटीएम बाईक अपने छोटे भाई के पास अंबिकापुर भेज दिया जो कॉंवेंट के हॉस्टल में रहकर पढ़ता था।
इकबाल के पिता ने केटीएम बाईक देख ली थी
9 जुलाई से लापता इक़बाल जिसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट 17 जुलाई को दर्ज की गई थी, उसके पिता सनक साय यादव ने पुलिस को बताया कि, उनके बेटे की बाईक और मोबाईल को पाकपानी के सुखरापारा में एक किशोर के पास देखा गया है। पुलिस मौक़े पर पहुँची और पूरे मामले का खुलासा हो गया।
दस आरोपियों में सात नाबालिग
23 वर्षीय इक़बाल की हत्या में पुलिस ने विनय भगत,नितिन बखला,और विरेंद्र बखला के साथ जिन छ को गिरफ़्तार किया है, वे सभी नाबालिग हैं। तीन वयस्क को जेल जबकि शेष सात किशोर संप्रेक्षण गृह भेजे जाएँगे।जबकि मोहन यादव जिसे प्रमुख आरोपी बताया गया है,वह फरार है।