Janjgir-Champa. ज़िले के बाराद्वार (Baradwar) बस्ती में जातियों में बंटे श्मशान (Crematorium) में चिता पर जलते शव को हटाने की घटना हुई है। जिस पक्ष ने शव को हटाया, उस पक्ष का विचित्र तर्क था कि, श्मशान का यह हिस्सा उसके जाति के लिए आरक्षित है। शव की बेअदबी से दूसरा पक्ष भड़क गया और नाराज़ लोगों ने अधजला शव सड़क पर रख चक्काजाम कर दिया। पुलिस और प्रशासन की संयुक्त क़वायद और आनन फ़ानन में आरोपी पक्ष की गिरफ़्तारी के बाद मामला थमा और शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
दोनों ही पक्ष आरक्षित वर्ग से
बाराद्वार की इस घटना को लेकर बताया गया है कि, प्रदीप पाटले (Pradeep Patle) नामक युवक फांसी लगाकर ख़ुदकुशी कर लिया था। शव के संस्कार के लिए जब परिजन श्मशान पहुँचे तो बारिश की वजह से वहां दिक़्क़त हुई तो परिजन शव को दूसरे श्मशान ले गए। इस दूसरा श्मशान में जब चिता को आग दे दी गई तो दूसरा पक्ष आ गया और उन्होंने हंगामा बरपा दिया। इस दूसरे पक्ष की अगुवाई कथित रुप से सरपंच जगदीश उरांव (Sarpanch Jagdish Oraon) कर रहा था। आरोप है कि इस समूह ने शव से बेअदबी की, पानी और कपड़े डाल, आग बुझाई और शव को चिता से खींच दिया।
6 लोग हुए गिरफ्तार
इस घटना के बाद मृतक के परिजन और सामाजिक सहयोगी भड़क गए और उन्होंने शव को सड़क पर रख चक्काजाम कर दिया। पुलिस ने इस मामले में 9 लोगों के खिलाफ नामज़द अपराध दर्ज किया और सरपंच समेत 6 को गिरफ़्तार कर लिया है। परिजनों ने गिरफ़्तारी की सूचना मिलने पर चक्काजाम समाप्त कर दिया और शव का अंतिम संस्कार कर दिया।